“बड़े-बड़े परिवार मिटे यों, एक न हो रोने वाला,- “हो जाएं सुनसान महल वे, जहां थिरकतीं सुरवाला,- “राज्य उलट जाएं, भूपों की भाग्यलक्ष्मी हो जाए,- “जमे रहेंगे पीने वाले, जगा करेगी मधुशाला।”*