सरकारी स्कूल में दो छात्रों के बीच हुए झगड़े ने ले लिया खूनी रूप
अपने ही स्कूल में पढ़ने वाले छात्र की चाकू से गोद कर कर दी हत्या
नई दिल्ली। तेहखंड गांव स्थित एक सरकारी स्कूल में दो छात्रों के बीच हुए झगड़े ने खूनी रूप ले लिया। कक्षा 10 के एक छात्र ने अपने ही स्कूल में पढ़ने वाले एक छात्र की चाकू से गोद कर हत्या कर दी। हत्या स्कूल की छुट्टी के बाद गेट पर की गई। पुलिस ने मामला दर्ज की नाबालिग छात्र को हिरासत में लिया है।
पुलिस के अनुसार, मृतक छात्र 17 वर्षीय अमित अपने परिवार के साथ इंदिरा कैंप में रहता था। वह तेहखंड़ गांव स्थित दिल्ली सरकार के स्कूल में 11वीं में पढ़ता था। वहीं, हत्या करने वाला छात्र भी इंदिरा कैंप में ही रहता है और इसी स्कूल में कक्षा 10 में पढ़ाई कर रहा है।
पुलिस ने बताया कि शुक्रवार शाम को स्कूल की ओर से सूचना मिली कि एक छात्र को चाकू मार दिया गया है और वह गंभीर रूप से घायल है। असके बाद ओखला औद्यगिक क्षेत्र थाना पुलिस मौके पर पहुंची और छात्र अमित को ईएसआईसी अस्पताल पहुंचाया। हालांकि, उसकी स्थिति गंभीर होने पर उसे दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया गया, जहां छात्र की मौत हो गई। पुलिस ने पोस्टमार्टम कराने के बाद छात्र के शव परिजनों को सौंप दिया।
अस्पताल में छात्र अमित ने पुलिस को दिए बयान में बताया था कि उसका करीब एक साल पहले आरोपी छात्र से झगड़ा हुआ था। इस दौरान अमित ने उसकी पिटाई कर दी थी। इसके बाद से दोनों के बीच मनमुटाव चल रहा था। आरोपी छात्र और उसके परिजनों ने पहले भी अमित को धमकी दी थी। ऐसे में पुलिस ने हत्या की धारा में केस दर्ज कर नाबालिग छात्र को हिरासत में ले लिया है और पूछताछ कर रही है।
स्कूल के गेट पर हत्या होने के बाद परिजनों और स्थानीय लोगों ने सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए हैं। लोगों का कहना है कि छात्र स्कूल में चाकू लेकर पूरे दिन बैठा रहा। फिर छुट्टी के समय गेट पर अमित का इंतजार करता रहा, लेकिन स्कूल में शिक्षक इसका पता नहीं लगा पाए। साथ ही, गेट पर अमित के ऊपर आरोपी छात्र ने चाकू से तीन बार वार किए, लेकिन सुरक्षाकर्मी और शिक्षक उसे रोक नहीं पाए। वारदात के बाद छात्र चाकू लहराता हुआ और धमकी देते हुए मौके से फरार भी हो गया।
छात्र की मौत के बाद उसके परिजनों ने पुलिस और अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। परिजनों का कहना है कि चाकू लगने के बाद पुलिस ने छात्र को इलाज के लिए ट्रामा सेंटर नहीं ले जाया गया। उसे ईएसआईसी अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसके उपचार में लापरवाही बरती और उसका खून बह गया। हालत गंभीर होने के बाद उसे दूसरे अस्पताल रेफर कर दिया गया। इसके बाद परिजनों ने उसे होली फैमली अस्पताल में भर्ती किया। जहां अस्पताल प्रशासन ने 25 हजार रुपये की मांग की। पैसों का प्रबंध करने के लिए परिजन घर लौटे और जब तक पैसों का प्रबंध हुआ अमित की मौत हो चुकी थी। परिजनों का आरोप था कि अमित को समय से उपचार नहीं मिला, जिसके चलते उसकी मौत हो गई। ईएसआईसी अस्पताल में पुलिस उसके बयान ही लेती रही। अगर उसे समय से ट्रामा सेंटर में भर्ती किया जाता तो उसकी जान बच सकती थी।
”हिन्द वतन” समाचार की रिपोर्ट