डॉक्टर ने शरीर में छोड़ दी पेशाब की नली, जब खुद से आने लगी बाहर तब हुई जानकारी
फरीदाबाद, 19 सितंबर। फरीदाबाद के निजी अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ की गलती का खामियाजा एक 20 वर्षीय युवक को लगातार 10 दिन दर्द में रहते हुए जान पर खेलकर उठाना पड़ा। पीड़ित के परिजनों ने मामले की गंभीरता को देखते हुए शनिवार को हंगामा कर दिया। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हो सका। हालांकि पीड़ित पक्ष ने किसी के खिलाफ कोई
शिकायत नहीं दी है। बहादुरपुर निवासी विवेक कौशिक (20) ने बताया कि उसके छोटे भाई निखिल को दौरे पड़ते हैं। भाई के इलाज के लिए परिजन तीन सितंबर को नीलम बाटा रोड स्थित निजी अस्पताल पहुंचे थे। जहां उसे भर्ती कर लिया गया। उसे पेशाब की नली भी लगाई गई। सात सितंबर को छुट्टी दे दी गई। विवेक ने आरोप लगाया कि निखिल के पेशाब की नली पूरी तरह नहीं निकाली गई। नली का कुछ हिस्सा पेट में छोड़ दिया गया है। इसके बाद पीड़ित के पेट में दर्द की शिकायत रही। दोबारा डॉक्टर को दिखाने पर पेट में संक्रमण मिला। एक अन्य डॉक्टर ने जांच के दौरान पेट में कुछ दिखाई देने की पुष्टि की।
एक दिन पेट दर्द के दौरान ही निखिल के शरीर में छूटी नली पेशाब के साथ बाहर आने लगी। परिजनों ने इसकी फोटो खींचकर संबंधित डॉक्टर व अस्पताल से मामले की शिकायत की। विवेक का आरोप है कि अस्पताल अपनी गलती मानने को तैयार नहीं हुआ। ऐसे में परिजन शनिवार को अस्पताल के गेट पर धरना देने पहुंचे। हंगामा होते देख कोतवाली थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। थाना प्रभारी अर्जुन राठी ने बताया कि दोनों पक्षों ने आपसी समझौते से मामला सुलझा लिया। मामले में कोई लिखित शिकायत नहीं की गई है।
”हिन्द वतन” समाचार की रिपोर्ट