स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एमटीपी किट बेचते फार्मासिस्ट को दबोचा
आरोपित के खिलाफ मामला दर्ज
फरीदाबाद। जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रविवार को पन्हेड़ा गांव में दीपक नाम के फार्मासिस्ट को एमटीपी किट बेचते रंगे हाथ पकड़ा है। फार्मासिस्ट काफी लंबे समय से एमटीपी किट बेच कर मुनाफा कमा रहा था। जबकि स्वास्थ्य विभाग की ओर से एमटीपी किट बेचना गैर कानूनी है। फिलहाल, मेडिकल स्टोर को सील कर दिया गया है। स्वास्थ्य केंद्र खेड़ीकलां के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डा. हरजिंदर सिंह की शिकायत पर थाना छांयसा पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. विनय गुप्ता को शिकायत मिली थी कि पन्हेड़ा गांव स्थित यश्वी क्लीनिक फार्मेसी का फार्मासिस्ट दीपक एमटीपी किट बेचता है। उन्होंने शिकायत के आधार पर डा. हरजिंदर सिंह के नेतृत्व में टीम का गठन किया था। यह टीम एमपीटी किट बेचने वाले फार्मासिस्ट को पकड़ने के लिए अभियान चला रही थी। टीम में डा. सन्नी डहनवाल, डा. स्वरनूर सिंह, स्वास्थ्य विभाग के कानूनी सलाहकार संजय गुप्ता और जनरल ड्यूटी असिस्टेंट पंकज राजूपत शामिल थे।
अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी से पूर्व एक गर्भवती को एमटीपी किट खरीदने के लिए तैयार किया था। जिसे स्वास्थ्य विभग की टीम लेकर पन्हेड़ा गांव पहुंच गई । अधिकारियों ने महिला को एमटीपी किट खरीदने के लिए 500-500 रुपये के दो नोट भी दिए। पहचान के लिए नोटों पर एक निशान लगाया गया था। वहीं, महिला ने यश्वी क्लीनिक फार्मेसी से 450 रुपये में एमटीपी किट खरीदी।
इसके बाद महिला ने स्वास्थ्य अधिकारियों को इशारा कर दिया। टीम के सदस्यों ने मौका देखते हुए फार्मासिस्ट को दबोच लिया। डा. हरजिंदर ने बताया कि बताया कि आरोपित दीपक से 500 रुपये का वह नोट भी बरामद कर लिया है, जो महिला को एमटीपी किट खरीदने के लिए दिया था। उन्होंने बताया कि स्टोर संचालकों को बताया गया है कि एमटीपी किट बेचना गैर कानूनी है। इसके बाद भी कुछ मेडिकल संचालक मुनाफा कमाने के चक्कर में गैर कानूनी काम करते हैं। फिलहाल, पुलिस ने आरोपित के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
”हिन्द वतन” समाचार की रिपोर्ट