दिल्ली दंगे : उमर खालिद ने पुलिस की आपत्ति के बाद नई जमानत अर्जी दायर की
नई दिल्ली, 06 सितंबर। दिल्ली हिंसा के आरोपित उमर खालिद ने पहले से दायर अपनी जमानत याचिका को वापस लेते हुए नई जमानत याचिका दायर की है। उमर खालिद की नई जमानत याचिका पर 8 सितंबर को सुनवाई होगी।
आज उमर खालिद की ओर से पेश वकील त्रिदिप पायस ने कहा कि उन्होंने पहले जो जमानत याचिका दायर की थी वह अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 439 के तहत दायर की गई थी। दिल्ली पुलिस की ओर से इस याचिका को सुनवाई योग्य नहीं मानने पर पायस ने धारा 439 के तहत दायर जमानत याचिका वापस ले ली और अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 437 के तहत नई याचिका दायर की। कोर्ट ने धारा 437 के तहत दायर नई याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया।
दरअसल, इस मामले के एक आरोपित इशरत जहां की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्युटर अमित प्रसाद ने धारा 439 के तहत दायर याचिका को सुनवाई योग्य नहीं मानते हुए खारिज करने की मांग की थी। अमित प्रसाद ने कहा कि धारा 439 के तहत यूएपीए के तहत कोई स्पेशल कोर्ट सुनवाई नहीं कर सकती है। इसलिए इस कोर्ट के समक्ष धारा 437 के तहत दायर जमानत याचिका पर ही सुनवाई हो सकती है। इसी के बाद उमर खालिद की तरफ से भी धारा 439 के तहत दायर जमानत याचिका वापस लेते हुए धारा 437 के तहत याचिका दायर की गई।
आज सुनवाई के दौरान अमित प्रसाद ने इस मामले पर जवाब दाखिल करने के लिए समय की मांग की। इसका विरोध करते हुए पायस ने कहा कि केवल धारा बदली है लेकिन उनकी दलीलें और तथ्य समान हैं। इसलिए वे आज भी इस मामले पर दलीलें रखने को तैयार हैं। तब कोर्ट ने कहा कि नई जमानत याचिका पर नोटिस तो जारी करना ही पड़ेगा। कोर्ट ने नई जमानत याचिका पर 8 सितंबर को सुनवाई करने का आदेश दिया।
इसके पहले धारा 439 के तहत दायर जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान पायस ने कहा था कि उमर खालिद के खिलाफ दाखिल चार्जशीट न्यूज चैनलों के रात नौ बजे के न्यूज स्क्रिप्ट की तरह हैं। पिछले 3 सितंबर को पायस ने कहा था कि यूएपीए के मामले में दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल पूरा चार्जशीट अमेजन प्राइम शो फैमिली मैन के स्क्रिप्ट की तरह लगता है। पुलिस को समझना चाहिए कि वो चार्जशीट लिख रहे हैं न कि फैमिली मैन की स्क्रिप्ट। उन्होंने कहा था कि चार्जशीट में आरोपों के समर्थन में कोई साक्ष्य नहीं है। पायस ने कहा था कि चार्जशीट जांच अधिकारी की कल्पना का नतीजा है। उमर खालिद की ओर से नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ आयोजित विरोध प्रदर्शनों को सांप्रदायिक बताने की कोशिश की गई।
पिछले 23 अगस्त को सुनवाई के दौरान पायस ने कहा था कि उमर खालिद के खिलाफ 6 मार्च 2020 को एफआईआर दर्ज की गई और गिरफ्तारी 13 सितंबर 2020 को की गई। दिल्ली दंगों के मामले में उमर खालिद की ये पहली गिरफ्तारी थी। इस मामले में उमर खालिद से पहली पूछताछ 30 जुलाई 2020 को हुई। जब भी उसे पूछताछ के लिए बुलाया गया, वह बिना देरी किए पहुंचा। खालिद पूछताछ के लिए गुवाहाटी से दिल्ली आया। उमर खालिद नोटिस पर आया था, जब उसे गिरफ्तार किया गया। उसे कहीं से गिरफ्तार नहीं किया गया। उन्होंने कहा था कि उमर खालिद को दूसरे एफआईआर नंबर 101 में 1 अक्टूबर 2020 को गिरफ्तार किया गया। उस मामले में उसे जमानत मिल चुकी है।
पिछले 27 जुलाई को दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद की जमानत याचिका का विरोध करते हुए अपना जवाब दाखिल किया था। सुनवाई के दौरान त्रिदिप पेस ने इस जवाब को पढ़ने के लिए समय देने की मांग की। पिछली 15 जुलाई को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था। उल्लेखनीय है कि क्राइम ब्रांच ने दिल्ली हिंसा मामले में दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में उमर खालिद के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। क्राइम ब्रांच ने उमर खालिद पर दंगे भड़काने, दंगों की साजिश रचने, और देशविरोधी भाषण देने के अलावा दूसरी धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल की थी।
करीब 100 पन्नों की चार्जशीट में कहा गया है कि 8 जनवरी 2020 को शाहीन बाग में उमर खालिद, खालिद सैफी औऱ ताहिर हुसैन ने मिलकर दिल्ली दंगो की साजिश रचने के लिए मीटिंग की। इस दौरान ही उमर खालिद ने सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों में मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार और महाराष्ट्र में हिस्सा लिया और भड़काऊ भाषण दिए। इन भाषणों में उमर खालिद ने दंगों के लिए लोगों को भड़काया है। चार्जशीट में कहा गया है कि जिन-जिन राज्यों में उमर खालिद गया, उसके लिए उसे आने-जाने और रुकने के खर्च का इंतजाम प्रदर्शनकारियों के कर्ता-धर्ता करते थे।
उमर खालिद को 13 सितंबर 2020 को पूछताछ के बाद स्पेशल सेल ने रात में गिरफ्तार कर लिया था। 17 सितंबर 2020 को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की ओर से दायर चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। 16 सितंबर को स्पेशल सेल करीब 18 हजार पन्नों का चार्जशीट लेकर दो बक्सों में पहुंचा था।