*15 अस्पतालों में ब्लैक फंगस के मरीजों का हो रहा इलाज,*
*सतर्क रहे लोग*
*नई दिल्ली।* दिल्ली में कोरोना के साथ ब्लैक फंगस भी अब डराने लगा है। तेजी से इस संक्रमण के मामले बढ़ रहे है। जिसे लेकर दिल्ली सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी है। इस बीच, स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने शनिवार को ब्लैक फंगस को लेकर जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के करीब 15 अस्पतालों में ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज चल रहा है। जैन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील करते हुए कहा कि चिकित्सक की सलाह के बिना कोई दवा नहीं लें, विशेष रूप से स्टेरॉयड लेने से बचें। जैन ने बातचीत करते हुए कहा कि दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं की कमी है। उन्होंने बताया कि बुधवार रात तक राजधानी के विभिन्न अस्पतालों में ब्लैक फंगस के 197 मामले थे जिनका इलाज चल रहा है। इसमें ऐसे लोग भी हैं जो इलाज कराने के लिए दिल्ली के बाहर से आए हैं। दरअसल, ब्लैक फंगस फफूंदी संक्रमण वाली एक ऐसी बीमारी है जो कोविड-19 से ठीक हो चुके लोगों में सामने आ रही है। इससे संक्रमित व्यक्ति की नाक, आंख और साइनस प्रभावित हो रही है। इससे ऐसे लोगों को अधिक खतरा है जिनका प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर है और वे किसी अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। जैन ने कहा कि इससे पहले आम तौर पर एक साल में ब्लैक फंगस के 30 से 50 मामले सामने आते थे, लेकिन इस बार यह संख्या काफी अधिक है। इस बार यह संक्रमण कोविड-19 से ठीक हो चुके लोगों में सामने आ रहा है, इसलिए हमें अधिक सतर्क होने की जरुरत है और ऐसे लोगों का पता लगाना होगा जो कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे विशेष रूप से जिन्हें इलाज के दौरान स्टेरॉयड दिए गए। ब्लैक फंगस से संक्रमित होने वालों में ऐसे लोग अधिक हैं जिनका शर्करा स्तर स्थिर नहीं रहता है। जैन ने कहा कि राजधानी में करीब आठ से 10 निजी अस्पताल ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज कर रहे हैं। इसके अलावा दिल्ली सरकार के तीन अस्पताल और केन्द्र सरकार द्वारा संचालित एम्स तथा सफदरजंग अस्पताल में भी ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज हो रहा है। इस तरह से दिल्ली में करीब 15-16 अस्पतालों में ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज हो रहा है। भविष्य में ब्लैक फंगस के मामले बढ़ने के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दिल्ली में इस बार बड़ी संख्या में लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जिनमें से कई लोगों को इलाज के दौरान स्टेरॉयड दिए गए इसलिए हमें अधिक सतर्क रहने की जरुरत है।