जेठ अमावस्या पर महिलाओं ने रखा वट सावित्री व्रत…
सावित्री व्रत सौभाग्य को देने वाला और संतान की प्राप्ति में सहायता देने वाला व्रत माना गया है…
इस दिन महिलाएं अपने सुहाग की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं…
मथुरा/उत्तर प्रदेश: मान्यता है यह व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास की अमावस्या को शनि जयंती भी मनाई जाती है। ऐसी मान्यता है कि बट सावित्री व्रत को करने से पति दीर्घायु होता है इस बार वट सावित्री का व्रत 22 मई 2020 को मनाया गया है।
इस व्रत में नियम निष्ठा का विशेष ख्याल रखना पड़ता है वट सावित्री के दिन सभी सुहागन महिलाएं पूरे सोलह श्रृंगार कर बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं। इस व्रत को पति की लंबी आयु की कामना के लिए किया जाता है।पौराणिक कथा के अनुसार, इस दिन ही सावित्री ने अपने दृढ़ संकल्प और श्रद्धा से यमराज द्वारा अपने मृत पति सत्यवान के प्राण वापस पाए थे।
इसकी व्रत पूजा करने के लिए आज मथुरा,गोवर्धन,कोसी, वृंदावन,गोकुल, दाऊजी,महावन,नंदगांव,बरसाना,आदि कई जगह सैकड़ों महिलाओं ने बड़वृक्ष की पूजा की सभी महिलाओं ने सोलह सिंगार, किया और एक-एक करके सभी महिलाओं ने पूजा अर्चना की और बड़वृक्ष को धागे से बांधा उसके बाद कथा पढ़ी सभी ने वटवृक्ष की आरती पूजा कर अपने पति की लंबी आयु की कामना की।
संवाददाता अमित गोस्वामी की रिपोर्ट…