जानें आम आदमी की जेब क्या पड़ेगा असर डॉलर के मुकाबले और रिकॉर्ड स्तर 72.55

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में रिकॉर्ड गिरावट का दौर जारी है। हमारे सहयोगी लाइव मिंट के अनुसार आज दोपहर 12.03 बजे रुपया एक डॉलर के मुकाबले 72.55 पर पहुंच गया। शुक्रवार को यह 71.74 पर था। वहीं समाचार एजेंसी आईएएनएस के अनुसार सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 72.35 के नए निम्न स्तर तक लुढ़क गया जबकि बीते कारोबारी सत्र में यह 71.73 पर बंद हुआ था। सुबह लगभग 10.30 बजे रुपया 72.32 पर था।

अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव गहराने से बीते कुछ सप्ताह से रुपये में गिरावट बनी हुई है। रुपया छह सितंबर को पहली बार रुपया, डॉलर के मुकाबले 72 के नीचे लुढ़का था। आज सेंसेक्स में भी गिरावट देखने को मिली। 0.67% यानी 256.35 अंक की गिरावट के साथ सेंसेक्स 38,133.47 पर पहुंच गया जो जनवरी के बाद से सबसे बड़ी गिरावट है।

रुपए की  गिरावट से और बढ़ सकती है महंगाई-

रुपए की गिरवाट से आम आदमी की जेब पर असर पड़ना तय है। क्योंकि भारत बड़ी मात्रा में पेट्रोलियम क्रूड आयल आयात करता है जिसके लिए उसे पहले के मुकाबले ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी। जब क्रूड ऑयल महंगा होगा तो डीजल पेट्रोल भी महंगा होगा और इसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ेगा। डीज पेट्रोल महंगा होने से माल भाड़ा ढुलाई महंगी होगी। इससे खाने पीने की चीजें और अन्य उपयोगी सामग्री महंगी हो सकती है। चूंकि ऑटोमोबाइल उद्योग की माल ढुलाई का ज्यादातर काम डीजल वाहनों से होता है इसलिए ऑटो मोबाइल्स भी महंगे हो सकते हैं। इसीलिए रुपए में जारी गिरावट लोगों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।

 

रुपए की कीमत बढ़ने से होते हैं ये फायदे-

रुपए की कीमत बढ़ने से कई चीजों महंगाई बढ़ने का खतरा कम होता जाता है क्योंकि बाहर से इंपोर्ट की जाने वाली चीजों पर कम रुपए चुकाने पड़ते हैं। इसके साथ ही पर्यटन उद्योग को इसका काफी फायदा होता है क्योंकि रुपया महंगा होने से यहां आने वाले विदेशियों को ज्यादा डॉलर खर्च करने पड़ते हैं। इससे उद्योग से जुड़े लोगों को बेहतर फायदा होता है। वहीं इपोर्ट से जुड़े उद्योग को डॉलर के मुकाबले कम रुपए चुकाने पड़ते हैं जिससे चीजों की महंगाई नहीं बढ़ती।