जिला अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर की कमी से मरीज परेशान…

जिला अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर की कमी से मरीज परेशान…

नोएडा,। सेक्टर-30 स्थित जिला अस्पताल में स्थायी डॉक्टर के 40 पद हैं, लेकिन नियुक्त 22 डॉक्टर हैं। इनमें स्थायी एमडी मेडिसिन, हृदय रोग विशेषज्ञ और एक बाल रोग विशेषज्ञ का पद खाली है। ऐसे में मरीजों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और सेवानिवृत डॉक्टरों से काम चलाया जा रहा है।

अस्पताल में मंगलवार को इलाज के लिए पहुंचे सेक्टर-12 निवासी सुभाष ने कहा कि छाती में दर्द की समस्या के कारण आया था। कमरा नंबर 108 में बैठे डॉक्टर ने ईसीजी लिखा। ईसीजी कराने के बाद उनके पास पहुंचने पर उन्होंने कहा कि हदय रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेना पड़ेगा। ईसीजी के अनुसार हृदय में समस्या है। डॉक्टर का कहना था कि अस्पताल में हृदय रोग विशेषज्ञ नहीं है, इसलिए मेरठ मेडिकल कॉलेज या दिल्ली के सरकारी अस्पताल में इलाज के जाना पड़ेगा। अस्पताल में सुबह दस बजे से 11 बजे की अवधि में छह मरीज हृदय रोग विशेषज्ञ न होने के कारण लौट गए।

अस्पताल में एमडी मेडिसिन के स्थायी पद पर भी डॉक्टर नियुक्त नहीं है। फैमिली फिजीशियन, सेवानिवृत्त और सीएमओ ऑफिस से नियुक्त किए गए डॉक्टर पर मरीजों के इलाज की जिम्मेदारी है। वहीं, बाल रोग विशेषज्ञ के पद पर एक डॉक्टर नियुक्त है, जबकि दूसरा पद खाली है। कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक होने की संभावना के दौरान बाल रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति के दावे किए जा रहे थे। लहर खत्म होने के साथ ही दावों पर अमल नहीं हुआ।

अस्पताल प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार सेवानिवृत्त और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत दस डॉक्टर तैनात हैं। इन डॉक्टर से मेडिकोलीगल समेत कई सेवाएं नहीं ली जा सकती हैं। अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. पवन कुमार ने कहा कि मरीजों को इलाज संबंधी कोई दिक्कत न हो, इसका ध्यान रखा जा रहा है। और डॉक्टर की मांग शासन से की गई। संभव है कि अस्पताल को जल्द डॉक्टर मिल जाएंगे।

नई इमारत में स्टाफ बढ़ेगा : सेक्टर-39 स्थित नई इमारत में अस्पताल स्थानांतरित होने के बाद डॉक्टर की कमी के कारण समस्या बढ़ेगी। वर्तमान समय में अस्पताल 100 बिस्तरों की क्षमता से युक्त है। नई इमारत में 250 बिस्तरों की सुविधा मरीजों को मिलेगी। ऐसे में अधिक डॉक्टर की जरूरत होगी। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. पवन कुमार ने कहा कि बिस्तरों की संख्या के आधार पर डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति होगी। शुरुआती स्तर में संभव है कि 100 बिस्तरों के साथ ही अस्पताल शुरू किया जाए।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…