रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर उर्जित पटेल को आखिर क्यों देना पड़ा इस्तीफा…?

लखनऊ। हिन्द वतन समाचार…
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को आज बड़ा झटका तब लगा जबकि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर उर्जित पटेल ने RBI में अपने पद से इस्तीफा दे दिया लेकिन कहा ये जा रहा है कि मोदी सरकार के केन्द्रीय रिजर्व बैंक (RBI) के कार्यों में दखल और दबाव से गवर्नर उर्जित पटेल ने इस्तीफा दिया है मगर उर्जित पटेल का कहना है कि किन्ही निजी कारणों से ही मैंने इस्तीफा दिया है लेकिन आपको याद दिलाते चलें कि केन्द्र की इस सरकार के कार्यकाल में यह दूसरा मौका है कि जब रिजर्व बैंक और केन्द्र सरकार में ठने विवादों के कारण दूसरी बार किसी गवर्नर को इस्तीफा देना पड़ा है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) में गवर्नर रहे रघुराम राजन ने भी सरकार के दखल और दबाव में इस्तीफा दे दिया था और आज नहीं पता कि किस तरह के दखल और दबावों के चलते उर्जित पटेल ने इस्तीफा दिया मगर यह माना जा रहा था कि उर्जित पटेल भी इस्तीफा ज़रूर देंगे क्योंकि कहीं न कहीं केंद्र सरकार के दबावों को इसका ज़िम्मेदार माना जा रहा है

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर उर्जित पटेल ने लगभग दो महीने तक चले विवादों के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर के पद से तत्काल इस्तीफा दे दिया है. जबकि पटेल ने निजी कारणों को इस्तीफे का असली कारण बताया है अब ये कहा जा रहा है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और केन्द्र सरकार के बीच का तालमेल पूरी तरह टूट गया और पटेल अपने पद पर खुद को असुरक्षित और नामुमकिन मान रहे थे,

शायद केन्द्र सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया गवर्नर में स्वायत्तता को लेकर विवाद हुआ था

रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में केन्द्र सरकार और केन्द्रीय बैंक गवर्नर में स्वायत्तता को लेकर विवाद हुआ था, और कहा ये भी जा रहा है कि केंद्र सरकार की नजर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के रिज़र्व खजाने में पड़े सिक्योरिटी डिपॉजिट पर थी इस वजह से विवाद चल रहा था..? रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से अधिक अंश की मांग कर रही थी केन्द्र सरकार. हालांकि केन्द्र सरकार ने बयान दिया था कि उसके और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के बीच कोई विवाद नहीं है स्वायत्तता को लेकर।

काफी खींचतान के बाद इन विवादों को सुलझाने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया बोर्ड ने 19 नवंबर को मैराथन बैठक बुलाई और दोनों के बीच सामंजस्य बैठाने के लिए कई अहम फैसले लिए थे, मैराथन बैठक ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एवं केन्द्र सरकार को सलाह दी कि दोनों को मिलकर एक्सपर्ट समिति गठित करनी चाहिए, इस एक्सपर्ट समिति से दोनों के बीच चल रहे विवादों की समीक्षा करना और मसले के हल पर काम करना था. उर्जित पटेल के इस्तीफे से जाहिर है कि इस समिति को गठित करने के काम को दोनों रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और केन्द्र सरकार मिलकर नहीं कर पाई हैं।
आखिरकार दो महीने तक खिंचे विवाद के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर उर्जित पटेल ने तत्काल प्रभाव से अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, पटेल ने कहा है कि वह निजी कारणों से इस्तीफा दे रहे हैं. तत्काल प्रभाव से दिए गए इस्तीफे का मतलब है कि अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और केन्द्र सरकार के बीच तालमेल पूरी तरह बिखर गया है। हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया गवर्नर और केन्द्र सरकार में स्वायत्तता को लेकर विवाद खड़ा हुआ था. विवाद केन्द्र सरकार द्वारा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के खजाने में पड़े सिक्योरिटी डिपॉजिट को लेकर था. रिपोर्ट के मुताबिक केन्द्र सरकार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के केन्द्रीय रिजर्व खजाने से अधिक अंश की कर रहा थी मांग. हालांकि इस विवाद के बाद केन्द्र सरकार ने बयान दिया था कि उसके और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के बीच स्वायत्तता को लेकर कोई विवाद नहीं है।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से दो लोगों का एक साथ इस्तीफा देना एक चौंकाने वाली घटना है …?
केन्द्रीय रिजर्व बैंक और केन्द्र सरकार के बीच खींचतान बीते कई महीनों से जारी थी. आर्थिक नीतियों को लेकर चल रहे मतभेदों के कारण आज रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के दो महारथियों ने दे दिया इस्तीफा जिसमे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर उर्जित पटेल के साथ ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने भी इस्तीफा दिया और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में दो बड़े इस्तीफे के बाद देश के साथ साथ सरकार में भी मचा हड़कंप, डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने दावा किया था कि केन्द्र सरकार द्वारा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के कामकाज में दखल देने से देश के लिए खतरनाक स्थिति पैदा हो सकती है।
इन विवादों को सुलझाने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया बोर्ड ने 19 नवंबर को मैराथन बैठक करते हुए दोनों केन्द्र सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में नए सिरे से सामंजस्य बैठाने के लिए कई अहम फैसले लिए थे. इसमें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और केन्द्र सरकार को मिलकर एक एक्सपर्ट समिति गठित करनी थी. इस समिति को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और केन्द्र सरकार के बीच जारी विवादों की समीक्षा करने के साथ उनके हल पर काम करना था. वहीं इस समिति को गठित करने में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के साथ ही केन्द्र सरकार को भी अहम किरदार दिया गया था. उर्जित पटेल के इस इस्तीफे से जाहिर है कि इस समिति को गठित करने के काम को दोनों रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और केन्द्र सरकार मिलकर नहीं कर पाई हैं, अब इस मामले में आगे की क्या स्थिति होगी ये देखना अभी बाकी है…?