*पादरी की बेरहमी से पिटाई, जय श्री राम बोलने को मजबूर किया, केस दर्ज*

*पादरी की बेरहमी से पिटाई, जय श्री राम बोलने को मजबूर किया, केस दर्ज*

*नई दिल्ली, 03 मार्च।* राजधानी दिल्ली में एक पादरी ने आरोप लगाया कि अज्ञात व्यक्तियों के ग्रुप ने उन्हें पीटा अपमानित किया और जय श्री राम का नारा लगाने के लिए मजबूर किया। यह घटना बीते 25 फरवरी को दक्षिण दिल्ली के फतेहपुर बेरी में हुई। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) हर्षवर्धन ने बताया कि शिकायत के आधार पर हमने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ धारा 365 (गुप्त रूप से और गलत तरीके से व्यक्ति को बंधक बनाना या अपहरण करना), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने की सजा), 341 (गलत तरीके से रोकना) और 34 (अधिनियमों के तहत) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है और एक जांच चल रही है। उन्होंने बताया कि पादरी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि 25 फरवरी को जब वह अपने एक दोस्त से मिलने के बाद काम पर जा रहा था तो एक ग्रुप ने उसे परेशान किया और जय श्री राम बोलने के लिए मजबूर किया।

पादरी ने आरोप लगाया कि मेरा बैग छीन लिया जिसमें कीमती सामान और बाइबल थी। उन्होंने इसे फाड़ने की कोशिश की, लेकिन नहीं कर सके। उन्होंने मुझ पर जबरन धर्म परिवर्तन करने का आरोप लगाया। उन्होंने मुझे घूंसा मारा, मुझे लात मारी और जबरदस्ती मुझे अपनी कार में ले गए। उन्होंने मेरे हाथ-पैर तोड़ने की भी धमकी दी। इसके बाद पादरी को कथित तौर पर फतेहपुर चौक ले जाया गया जहां लोगों ने उसके हाथ रस्सियों से बांध दिए और उसे फिर से सड़क के किनारे घूंसा मारना शुरू कर दिया।

पादरी ने कहा कि वहां करीब 100 लोग मूकदर्शक बने रहे। कोई मुझे बचाने नहीं आया। उन्होंने वीडियो बनाया और मुझे पीटा और मारपीट करते देखा। लेकिन मदद के लिए कोई नहीं आया। उन्होंने स्कूल से लौट रहे छात्रों को जय श्री राम के नारे लगाने के लिए उकसाने की भी कोशिश की और मेरे साथ मारपीट की। यह करीब 45 मिनट तक चला। दिल्ली के कमिश्नर को लिखे पत्र में उन्होंने लिखा कि करीबन एक घंटे तक बंधे रहने के बाद मेरे हाथों को बांधने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली प्लास्टिक की रस्सियों को तोड़कर खुद को मुक्त करने में मैं कामयाब रहा और अपनी जान बचाने के लिए भीड़ से भागने का मौका मिला।