जब लता मंगेशकर को जान से मारने की हुई थी कोशिश,
कहा था- मुझे धीमा जहर दिया गया
मुंबई, 06 फरवरी। अपने गानों से करोड़ों दिलों पर राज करने वाली स्वर कोकिला लता मंगेशकर के दुनियाभर में फैन्स हैं। रविवार को भारत रत्न से सम्मानित बॉलिवुड की इन सबसे सफल गायिका का निधन हो गया। लता मंगेशकर ने अपने करियर में कई यादगार गाने दिए हैं जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता है। कम ही लोगों को पता है कि एक बार इस स्वर साम्राज्ञी को धीमा जहर देकर मारने की कोशिश भी की गई थी।
इस बाद का खुलासा एक बार लता मंगेशकर ने खुद ही किया था कि उन्हें जहर दिया गया। एक इंटरव्यू में लता ने यह बात बताई थी कि उनके सिंगिंग करियर के सबसे सफल दौर में उन्हें धीमा जहर दिया गया था। लता को जहर देने की यह घटना साल 1963 में हुई थी। एक अखबार को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, ‘हम लोग इस बारे में बात नहीं करते हैं लेकिन यह मेरी जिंदगी का एक भयानक दौर था। यह साल 1963 था जब मैं खुद को बहुत कमजोर महसूस करने लगी और अपने बिस्तर से भी नहीं उठ पाती थी। एक स्थिति ऐसी आ गई कि मैं खुद से हिल भी नहीं सकती थी।’
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लता मंगेशकर ने बताया कि जहर दिए जाने के कारण वह 3 महीने तक बिस्तर पर रही थीं। उन्होंने कहा, ‘यह बात कन्फर्म हो गई थी मुझे धीमा जहर दिया गया था। डॉक्टर कपूर के इलाज और मेरी दृढ़ इच्छाशक्ति ने मुझे इस बुरे दौर से बाहर निकाला।’ लता के साथ जब यह घटना हुई थी तब वह 33 साल की थीं। एक दिन सुबह उठते ही उन्हें पेट में जबरदस्त दर्द हुआ। उनकी हालत ऐसी थी कि अपनी जगह से हिलने में भी उन्हें दिक्कत होने लगी। थोड़ी ही देर में लता को हरे रंग की उल्टियां होना शुरू हो गईं और उनका शरीर कंपकंपाने लगा। तब पता चला कि लता को जहर दिया गया है।
लता मंगेशकर को किसने जहर दिया, उन्हें इस बात की जानकारी थी। कहा जाता है कि लता के बीमार पड़ने के बाद उनका कुक अचानक गायब हो गया। लता ने बताया कि जहर देने वाले के खिलाफ कोई ऐक्शन नहीं लिया जा सका क्योंकि उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं था। इस घटना के बाद लता का परिवार काफी परेशान हो गया। तब लता मंगेशकर की छोटी बहन ऊषा मंगेशकर ने उनकी रसोई की कमान संभाल ली।
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