लता का राम भजन मेरी रथ यात्रा की ‘सिग्नेचर ट्यून’ बन गया था: आडवाणी
नई दिल्ली, 06 फरवरी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने महान गायिका लता मंगेशकर के निधन पर रविवार को शोक व्यक्त करते हुए कहा कि मंगेशकर की आवाज में गाया गया राम भजन 1990 में उनकी ‘राम रथ यात्रा’ की ‘सिग्नेचर ट्यून’ बन गया था।
आडवाणी (94) ने कहा कि मंगेशकर ने संगीत की दुनिया में उत्कृष्टता की एक अमिट छाप छोड़ी और दुनियाभर के संगीतप्रेमी उन्हें आदर्श मानते हैं। उन्होंने कहा कि देश उन्हें वाकई याद करेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘वह संगीत प्रेमियों की कई पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी।’’
पूर्व उप प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘लता जी लोकप्रिय गायकों में से हमेशा मेरी पसंदीदा रही हैं और यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मैं उन्हें लंबे समय से निजी तौर पर जानता था।
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मुझे वह समय याद है, जब उन्होंने बेहतरीन श्री राम भजन रिकॉर्ड किया था और मेरे सोमनाथ से अयोध्या तक राम रथ यात्रा शुरू करने से पहले उसे मुझे भेजा था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वह यादगार गीत ‘नाम नाम में जादू ऐसा, राम नाम मन भाए, मन की अयोध्या तब तक सूनी, जब तक राम ना आए’ यात्रा की ‘सिग्नेचर ट्यून’ बन गया था।’’
आडवाणी ने कहा कि मंगेशकर एक अच्छी इंसान थीं और जब भी उनकी (आडवाणी की) उनसे (मंगेशकर से) बातचीत हुई, तो उनकी सादगी, गर्मजोशी और सबसे बढ़कर ‘‘हमारे महान देश’’ के लिए उनके प्रेम ने उन्हें छुआ।
उन्होंने कहा, ‘‘लता जी ने हिंदी सिनेमा के लिए जो अनगिनत बेहतरीन गीत गाए हैं, उनमें से मुझे विशेष रूप से ‘ज्योति कलश छलके’ पसंद है। जब कभी हम सार्वजनिक समारोहों में मंच साझा करते थे और लता जी मेरे अनुरोध पर यह गीत गाती थीं, तो मैं अभिभूत हो जाता था।’
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