जेल में बंद ‘यूनिटेक’ के पूर्व प्रमोटरों के साथ मिलीभगत के आरोप में
तिहाड़ के 28 अधिकारी निलंबित
नई दिल्ली, 14 अक्टूबर। दिल्ली कारागार विभाग ने जेल में बंद ‘यूनिटेक’ के पूर्व प्रमोटर अजय चंद्रा और संजय चंद्रा के साथ मिलीभगत के आरोप में तिहाड़ जेल के 28 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।
जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, तिहाड़ जेल नंबर-7 के 28 अधिकारियों को निलंबित किया गया है जबकि दो संविदा कर्मचारियों की सेवाएं फिलहाल समाप्त कर दी गई हैं। दो अधिकारियों को दिल्ली सरकार द्वारा भी निलंबित किया जाएगा।
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने ‘यूनिटेक’ के पूर्व प्रमोटरों के साथ मिलीभगत पाए जाने के बाद मंगलवार को 32 अधिकारियों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया था। भ्रष्टाचार रोधी अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की गई।
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उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना की रिपोर्ट के आधार पर, छह अक्टूबर को तिहाड़ जेल के छह अधिकारियों को निलंबित करने, उनके खिलाफ मामला दर्ज करने और उनकी संजय तथा अजय चंद्रा के साथ संलिप्तता की पूर्ण जांच करने के निर्देश दिए थे। शीर्ष अदालत ने यह भी निर्देश दिया था कि तिहाड़ जेल के अधिकारी, जो प्रथम दृष्टया जांच के दौरान संलिप्त पाए गए हैं, उन्हें निलंबित किया जाना चाहिए और केन्द्रीय गृह मंत्रालय को उन सुझावों का जवाब देने का निर्देश दिया जो अस्थाना की रिपोर्ट में दिए गए हैं।
उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद चंद्रा बंधुओं को तिहाड़ जेल से मुंबई की आर्थर रोड जेल और तलोजा सेंट्रल जेल भेज दिया गया है। अदालत ने कहा कि संजय चंद्रा और अजय चंद्रा के आचरण, और आदेशों की धज्जियां उड़ाने तथा अदालत के अधिकार क्षेत्र को कमजोर करने के लिए तिहाड़ जेल के अधिकारियों के साथ साठगांठ करने से जुड़ी प्रवर्तन निदेशालय की दो रिपोर्ट, कुछ ‘‘गंभीर और चौंकाने’’ वाले मुद्दों पर प्रकाश डालती हैं।
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