हिमाचल उपचुनाव में मुख्यमंत्री समेत सात मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर
शिमला, 12 अक्टूबर। हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट सहित अर्की, जुब्बल कोटखाई और फतेहपुर विधानसभा सीटों पर 30 अक्टूबर को होने वाले उपचुनाव के लिए चुनाव प्रचार तेज होने लगा है। सत्तारूढ़ भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर चुनाव प्रचार की कमान संभाले हुए हैं और ताबड़तोड़ चुनावी रैलियां कर रहे है। वहीं कांग्रेस की ओर से स्थानीय नेताओं के अलावा राष्ट्रीय स्तर के नेता भी चुनाव प्रचार में ताकत झोंक रहे हैं। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इन उपचुनावों को सत्ता का सेमीफाइनल माना जा रहा है। उपचुनाव में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सहित सात मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर है।
मंडी संसदीय सीट
मंडी संसदीय सीट पर भाजपा उम्मीदवार को जीत दिलाने का सारा दारोमदार मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर है, क्योंकि यह उनका गृह संसदीय क्षेत्र है। इस सीट पर भाजपा ने कारगिल हीरो के तौर पर पहचान बनाने वाले बिग्रेडियर कुशाल ठाकुर को उम्मीदवार बनाया है। वहीं कांग्रेस की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह चुनाव मैदान में हैं। कांग्रेस पार्टी इस सीट पर वीरभद्र सिंह के नाम पर सहानुभूति हासिल करने की कोशिश कर रही है। यहां भाजपा एवं कांग्रेस के
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बीच कांटे का मुकाबला होने के आसार हैं। प्रतिभा सिंह दो बार मंडी से सांसद रह चुकी हैं। भाजपा ने तेज तर्रार मंत्री महेंद्र सिंह को मंडी संसदीय क्षेत्र का प्रभारी और गोविंद सिंह को सहप्रभारी बनाया है। इस सीट के चुनाव परिणाम से मुख्यमंत्री और दोनों मंत्रियों की परफार्मेंस का आकलन होगा। तकनीकी शिक्षा मंत्री रामलाल मारकंडा पर उनके गृह विधानसभा क्षेत्र लाहौल-स्पीति से भाजपा उम्मीदवार कुशाल ठाकुर को लीड दिलाने की चुनौती रहेगी।
जुब्बल कोटखाई विधानसभा क्षेत्र
भाजपा के वरिष्ठ विधायक नरेंद्र बरागटा के निधन के कारण रिक्त हुई जुब्बल कोटखाई विधानसभा सीट पर भी सबकी निगाहें लगी हैं। नरेंद्र बरागटा के बेटे चेतन बरागटा के निर्दलीय चुनाव लड़ने से यह सीट खासी चर्चा में है। भाजपा ने जिला परिषद सदस्य रही नीलम सरैइक को उम्मीदवार घोषित किया है। वह शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज की करीबी हैं, जिन्हें भाजपा ने जुब्बल कोटखाई का प्रभारी नियुक्त किया है। सुरेश भारद्वाज के साथ सह प्रभारी ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी पर भाजपा उम्मीदवार को जीत दिलाने का जिम्मा रहेगा। हालांकि चेतन बरागटा की बगावत की वजह से भाजपा के लिए राह आसान नहीं है। यह हल्का कांग्रेस का परंपरागत गढ़ रहा है। कांग्रेस की ओर से पूर्व विधायक रोहित ठाकुर चुनाव मैदान में हैं।
अर्की विधानसभा क्षेत्र
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के निधन से रिक्त हुई अर्की विधानसभा सीट पर भाजपा को भितरघात का सामना करना पड़ सकता है। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस दिग्गज वीरभद्र सिंह को कड़ी टक्कर देने वाले रत्न सिंह पाल भाजपा की टिकट पर दोबारा किस्मत आजमा रहे हैं। हालांकि दो बार भाजपा विधायक रहे गोविंद शर्मा ने टिकट न मिलने पर रत्न सिंह पाल के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है और चुनाव में यह भाजपा पर भारी पड़ सकता है। कांग्रेस की ओर से संजय अवस्थी चुनाव मैदान में हैं। भाजपा ने वरिष्ठ नेता एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल और स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल को इस सीट का प्रभारी एवं सहप्रभारी निुयक्त किया है।
फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र
कांगड़ा जिला की फतेहपुर विधानसभा सीट पर कैबिनेट मंत्रियों विक्रम सिंह और राकेश पठानिया पर भाजपा उम्मीदवार बलदेव ठाकुर को जीत दिलाने का सारा दारोमदार रहेगा। पूर्व राज्यसभा सांसद कृपाल परमार भाजपा की टिकट न मिलने से खफा हैं और भाजपा को भितरघात का सामना करना पड़ सकता है। कांग्रेस के कदावर नेता रहे सुजान सिंह पठानिया के निधन के कारण रिक्त हुई इस सीट पर उनके बेटे भवानी सिंह पठानिया किस्मत आजमा रहे हैं। कांग्रेस इस सीट पर सहानुभूति कार्ड के जरिए भाजपा को पटखनी देना चाह रही है।
कुल मिलाकर चार सीटों पर पार्टी की हार-जीत से मंत्रियों के साथ-साथ सरकार के कामकाज की भी समीक्षा होगी।
गौरतलब है कि राज्य की चार सीटों पर 30 अक्टूबर को मतदान होगा, जबकि चुनाव परिणाम दो नवंबर को घोषित होगा। मंडी सीट पर भाजपा सांसद रामस्वरूप शर्मा के निधन, अर्की विधानसभा सीट कांग्रेस दिग्गज वीरभद्र सिंह, जुब्बल कोटखाई सीट भाजपा के नरेंद्र बरागटा और फतेहपुर सीट पर कांग्रेस के सुजान सिंह पठानिया के निधन के कारण उपचुनाव हो रहे हैं।
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