दिल्ली से लौट रहे मजदूर की ट्रेन में मौत, रेल पुलिस ने नहीं की मदद
बेगूसराय, 05 अक्टूबर। केंद्र सरकार और रेलवे मंत्रालय ट्रेनों में लोगों को पर्याप्त सुरक्षा और आकस्मिक हालत में मदद करने की सारी कवायद कर रही है लेकिन सोमवार की रात ट्रेन में मरे एक मजदूर का शव 150 किलोमीटर तक घूमता
रहा, मृतक की पत्नी लोगों से मदद की गुहार लगाती रही लेकिन ना तो रेल पुलिस और ना ही किसी अधिकारियों ने उसकी मदद की। सबसे हैरत की बात तो यह है कि बेगूसराय स्टेशन पर शव उतारे जाने के बाद भी रेल पुलिस ने किसी प्रकार की मदद नहीं
की और पोस्टमार्टम कराने के बदले शव को घर ले जाने का आदेश दे दिया। हालांकि मौत का कारण जानने के लिए परिजन खुद शव को लेकर सदर अस्पताल आए और यहां पोस्टमार्टम कराया गया है। मृतक साहेबपुर कमाल थाना क्षेत्र के सनहा पश्चिम निवासी वशिष्ठ पासवान का पुत्र कैलू पासवान है। परिजनों ने बताया कि कैलू पासवान अपने पत्नी के साथ दिल्ली के शकरपुर में
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रहकर मजदूरी करता था। 29 सितम्बर को वहां बुखार लगने के बाद इलाज कराया गया, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। इसके बाद परिजनों ने घर लौट जाने को कहा तो कैलू अपने पत्नी मंती देवी के साथ सोमवार को दिल्ली में महानंदा एक्सप्रेस में सवार हुआ और घर आ रहा था लेकिन सोमवार की देर रात बक्सर के आसपास उसकी अचानक मौत हो गई। पति की मौत के बाद
मंती देवी ट्रेन में लोगों से मदद की गुहार लगाती रही, लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की। जिसके बाद घर से आए परिजनों ने बेगूसराय स्टेशन पर शव को उतारा। सदर अस्पताल आए परिजनोंं का कहना है कि रेल पुलिस पोस्टमार्टटम कराने के लिए भी तैयार नहींं हुई। कैलू के भरोसे ही परिवार चलता था, हम लोगोंं को मौत के कारणों का पता भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही चलेगा।
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