वन विभाग का रेंजर 20,000 रुपये की रिश्वत लेता रंगे हाथों पकड़ा गया

मप्र: वन विभाग का रेंजर 20,000 रुपये की रिश्वत लेता रंगे हाथों पकड़ा गया

इंदौर, 06 अक्टूबर। पुलिस के आर्थिक अपराध अनुसंधान दस्ते (ईओडब्ल्यू) ने मध्य प्रदेश के देवास जिले में वन विभाग के रेंजर को एक सरपंच से 20,000 रुपये की रिश्वत लेते बुधवार को रंगे हाथों पकड़ा। ईओडब्ल्यू ने रेंजर की संपत्तियों की जांच शुरू करते हुए उसके घर से 2.24 लाख रुपये की नकदी भी जब्त की है। ईओडब्ल्यू के पुलिस अधीक्षक दिलीप सोनी

ने बताया कि देवास जिले के डबल चौकी क्षेत्र के पास वन विभाग के रेंजर बिहारी सिंह को भील आमला गांव के सरपंच डूंगर सिंह से कथिततौर पर रिश्वत के रूप में 20,000 रुपये लेते पकड़ा गया। उन्होंने बताया, “रेंजर की अनुचित मांग से तंग आकर सरपंच ने ही ईओडब्ल्यू से उसकी शिकायत की थी।” सोनी ने शिकायत के हवाले से बताया कि सरपंच को वन क्षेत्र में पट्टे की अपनी जमीन को समतल कराने और इस पर प्रदेश सरकार की कपिलधारा योजना के तहत कुआं खुदवाने के लिए वन विभाग

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के अनापत्ति प्रमाणपत्र की दरकार थी और इस काम के बदले रेंजर ने सरपंच से कथित तौर पर रिश्वत मांगी थी। उन्होंने बताया कि रेंजर की संपत्तियों की जांच के दौरान उसके देवास जिले स्थित सरकारी निवास से 2.24 लाख रुपये की नकदी जब्त की गई है और इंदौर शहर में उसके घर की भी तलाशी ली जा रही है। सोनी ने बताया कि दमोह में तीन साल पहले काले हिरण के शिकार के मामले की जांच में गड़बड़ी को लेकर भी रेंजर की कथित भूमिका सामने आई थी। उन्होंने बताया, “बिहारी सिंह वन

रक्षक (फॉरेस्ट गार्ड) के रूप में सरकारी सेवा में आए थे और वर्ष 2011 में रेंजर के तौर पर पदोन्नत हुए थे। उनकी सेवानिवृत्ति में महज 10 महीने शेष हैं।” सोनी ने बताया कि रिश्वतखोरी के आरोप में वन विभाग के रेंजर के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 के तहत मामला दर्ज किया गया है।पुलिस अधीक्षक के मुताबिक आरोपी को अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है।

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