सतत विमानन ईंधन के लिए पेट्रोलियम मंत्रालय, शेल, हनीवेल यूओपी के साथ काम कर रहे हैं: इंडिगो सीईओ…
बोस्टन (अमेरिका), 05 अक्टूबर। इंडिगो के सीईओ रोनोजॉय दत्ता ने यहां कहा कि सतत विमानन ईंधन (एसएएफ) विकसित करना एक बड़ी चुनौती है तथा एयरलाइन इस मुद्दे पर भारतीय पेट्रोलियम मंत्रालय और साथ ही शेल एवं हनीवेल यूओपी जैसी तेल कंपनियों के साथ काम कर रही है। वाणिज्यिक विमानन वैश्विक कार्बन उत्सर्जन के लगभग दो से तीन प्रतिशत के लिए जिम्मेदार है। स्वीडिश जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने यूरोप और दुनिया के अन्य हिस्सों में “फ्लाइट शेम” आंदोलन को बढ़ावा देते हुए, अपने व्यक्तिगत कार्बन फुटप्रिंट (किसी व्यक्ति/संस्था आदि द्वारा किया गया कुल कार्बन उत्सर्जन) को कम करने के लिए हवाई यात्रा करना छोड़ दिया है। दत्ता ने कहा, “एसएएफ एक बड़ी चुनौती है, जिसमें हम केवल सहयोग कर सकते हैं। इसलिए, हम शेल के साथ काम कर रहे हैं, हम यूओपी के साथ काम कर रहे हैं, और हम भारतीय पेट्रोलियम मंत्रालय के साथ काम कर रहे हैं तथा यह देखने की कोशिश कर रहे हैं कि इस मुद्दे पर हम किस तरह से मदद कर सकते हैं।” वह सोमवार को यहां वैश्विक एयरलाइंस निकाय इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए) की 77वीं वार्षिक आम बैठक में एक पैनल चर्चा के दौरान बोल रहे थे। गौरतलब है कि इंडिगो ने 30 जुलाई को घोषणा की थी कि वह विमान में एसएएफ का इस्तेमाल करने की क्षमता तलाश रही है और उसने एक अंतरराष्ट्रीय एसएएफ प्रदाता के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। हालांकि एयरलाइन ने एसएएफ प्रदाता के नाम का खुलासा नहीं किया था।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…