सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार को लेकर बहुत चिंतित हैं : भारत ने संरा में कहा…
संयुक्त राष्ट्र, 05 अक्टूबर । भारत ने शांति एवं सुरक्षा को खतरे में डालने वाले सामूहिक विनाश के हथियारों (डब्ल्यूएमडी) और उन्हें ले जाने वाली प्रणाली के प्रसार पर गहरी चिंता जतायी और कहा कि ऐसे हथियारों तक आतंकवादियों की पहुंच बनने की आशंका के कारण वैश्विक समुदाय को इस गंभीर खतरे से निपटने के लिए एक साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है।
निरस्त्रीकरण पर सम्मेलन (सीडी), जिनेवा में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पंकज शर्मा ने कहा कि भारत इन खतरों और अपने वार्षिक संयुक्त राष्ट्र महासभा प्रस्ताव ‘सामूहिक विनाश के हथियारों को हासिल करने से आतंकवादियों को रोकने के उपायों’ के जरिए इनसे निपटने पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने की आवश्यकता की ओर दुनिया का ध्यान खींचता रहा है।
उन्होंने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र की प्रथम समिति की आम चर्चा में कहा, ‘‘हम सामूहिक विनाश के हथियारों और उनकी डिलीवरी प्रणाली के प्रसार को लेकर बहुत चिंतित हैं जो अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा को खतरे में डालती है। आतंकवादियों के सामूहिक विनाश के हथियारों को हासिल करने की आशंका के कारण सदस्य देशों को इस गंभीर खतरे से निपटने के लिए एक साथ मिल कर काम करने की आवश्यकता है।’’
उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के हाथों में हथियार अवैध छोटे हथियारों और हल्के हथियारों का सबसे खतरनाक रूप है। उन्होंने कहा, ‘‘अत: भारत आतंकवाद और पारदेशीय अपराध से निपटने के माध्यमों के तौर पर संयुक्त राष्ट्र कार्रवाई कार्यक्रम का पूरी और प्रभावी तरीके से क्रियान्वयन को अहमियत देता है।’’
शर्मा ने प्रथम समिति के सत्र में ये टिप्पणियां की जो निरस्त्रीकरण और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों से निपटती है। उन्होंने कहा कि भारत सार्वभौमिक, गैर-भेदभावपूर्ण और सत्यापित परमाणु निरस्त्रीकरण के लक्ष्य को लेकर प्रतिबद्ध है। भारतीय राजदूत ने कहा कि भारत परमाणु हथियार संपन्न एक जिम्मेदार देश है और परमाणु हथियार का पहले इस्तेमाल न करने और गैर परमाणु संपन्न देशों के खिलाफ इसका प्रयोग न करने के रुख के साथ अपने परमाणु सिद्धांत को लेकर प्रतिबद्ध है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…