दिल्ली सरकार ने उच्च न्यायालय को बताया- डिफेंस कॉलोनी में गिराया जाएगा एक धार्मिक स्थल
नई दिल्ली, 03 अक्टूबर। दिल्ली उच्च न्यायालय को राज्य सरकार ने सूचित किया है कि अधिकारियों की योजना दक्षिणी दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी में अवैध रूप से निर्मित एक धार्मिक स्थल (मंदिर) को गिराने की है। दिल्ली सरकार ने यह दलील तब दी जब एक संपत्ति के सामने से अतिक्रमण हटाने की मांग वाली एक याचिका उच्च न्यायालय में सुनवाई के लिए आई।
न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने नोटिस जारी कर संपत्ति के मालिक की तरफ से दायर याचिका पर दिल्ली सरकार व दिल्ली पुलिस के उपायुक्त (दक्षिण) हौज खास से जवाब मांगा है। पीठ ने अधिकारियों को एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा और मामले को आगे की सुनवाई के लिए 8 अक्तूबर को सूचीबद्ध किया गया है। दिल्ली सरकार व पुलिस की तरफ से
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अधिवक्ता अनुपम श्रीवास्तव ने पीठ के समक्ष कहा कि अधिकारी अपने कर्तव्यों के प्रति सचेत हैं। इसलिए पहले से ही धार्मिक स्थल को चार अक्तूबर (सोमवार) को गिराने की योजना बनाई गई है। अधिवक्ता ने बताया कि मंदिर गिराने के लिए आवश्यक पुलिस बल की व्यवस्था कर ली गई है। साथ ही पीठ को आश्वस्त किया गया कि लोक निर्माण विभाग की सहायता के लिए पुलिस बल मौजूद रहेगा। इस मामले में पीठ ने व्यक्ति को भी नोटिस जारी किया जिसने कथित अनधिकृत निर्माण किया है, जिसे
याचिकाकर्ता पहचान नहीं पाए हैं। याचिका में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के दौरान, किसी ने भीष्म पितामह मार्ग पर सार्वजनिक भूमि पर जो कि एक फुटपाथ है और याचिकाकर्ताओं की संपत्ति के ठीक सामने अतिक्रमण कर अवैध रूप से एक मंदिर का निर्माण कर लिया है। याचिका में दावा किया गया है कि अवैध निर्माण का फायदा उठाकर लोग वहां जमा हो जाते है और उपद्रव और जुए में लिप्त हो जाते है। अतिक्रमित ढांचा याचिकाकर्ताओं के भवन तक पूरी पहुंच को प्रभावित कर रहा है।
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