मातृभाषा हिंदी के कण-कण में दिखनी चाहिए : प्रो. मनोज दीक्षित

मातृभाषा हिंदी के कण-कण में दिखनी चाहिए : प्रो. मनोज दीक्षित

मोतिहारी, 15 सितंबर। महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के तत्वावधान में ”हिंदी पखवाड़ा” का शुभारंभ बुधवार को हुआ। जो आगामी 28 सितम्बर तक चलेगा। कार्यक्रम का शुभारंभ आज चाणक्य परिसर स्थित पंडित राजकुमार शुक्ल सभागार में करते हुए कार्यक्रम के अध्यक्ष कुलपति प्रो. संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि आज हम देशज भाषा को बोलने में शर्म महसूस करते हैं। यह उस भाषा के सांस्कृतिक समृद्धि के लिए नुकसानदायक है।

उन्होंने गांधी जी की चर्चा करते कहा कि गांधी जी हिंदी भाषा को लेकर गौरव महसूस करते थे।गुजराती मूल के होते हुए भी हिंदी के उत्थान के लिए गांधी जी का योगदान अतुलनीय है। हम सभी को इससे प्रेरणा लेनी चाहिए। हिंदी भाषा में निखार तभी आएगा जब शिक्षक, लेखक और सांस्कृतिक कर्मी हिंदी की शुद्धता, परिशुद्धता और हिंदी को व्यवसायिकता प्रदान करेंगे।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राममंनोहर लोहिया अवध, विश्वविद्यालय के पूर्वकुलपति प्रो.मनोज दीक्षित ने कहा हमारी मातृभाषा

कण-कण में दिखनी चाहिए। आज बच्चों की अंग्रेजी भाषा के तरफ रुझान बढ रहा है। ऐसे में विद्यालय, घर और कार्यस्थल हर जगह उन्हे हिंदी भाषा के महत्व को समझाना होगा।जिससे बच्चे अपनी भाषा के प्रति सम्मान और प्यार बढ सके। विशिष्ट अतिथि के तौर पर राष्ट्रीय पुस्तक न्यास दिल्ली के अध्यक्ष प्रो. गोविन्द शर्मा ने कहा हिंदी देशवासियों को आपस में जोड़ता है। उन्होंने कहा कि आज स्थिति यह है कि हिंदी बस संयुक्त सचिव स्तर की भाषा रह गई है।इस मौके पर प्रति कुलपति प्रो. जी. गोपाल रेड्डी ने प्रत्येक भाषा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि राज्य भाषा हो या अन्य भाषा हो उसे सीखने और समझने की उत्सुकता जगा के रखनी चाहिए।

“हिन्द वतन समाचार”