अगर बुलेट में लगाया पटाखे सी आवाज वाला साइलेंसर
तो रद्द होगा पंजीकरण
नोएडा। बुलेट में दोबारा पटाखे सी आवाज निकलने वाला साइलेंसर यदि लगाया तो उसका पंजीकरण चिन्ह निरस्त कर दिया जाएगा। परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीम की ओर से चलाए गए अभियान में अब तक 70 से अधिक बुलेट पकड़ी गई हैं। बुलेट मालिकों ने दोबारा साइलेंसर में बदलाव न करवाने का शपथपत्र जमा किया है। उत्तर प्रदेश में प्रदूषण फैलाने वाले मॉडिफाइड वाहनों पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। तेज ध्वनि और वायु प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को तत्काल प्रतिबंध करने के आदेश जारी किए हैं।
एआरटीओ प्रवर्तन प्रशांत तिवारी ने बताया कि 20 जुलाई 2021 को हाईकोर्ट द्वारा पारित इस आदेश के अनुपालन में दोपहिया और चार पहिया वाहनों का जांच अभियान चलाया गया था। उन्होंने बताया कि साइलेंसर में बदलाव कराकर तेज ध्वनि निकालती दौड़ रही 70 से अधिक बुलेट जब्त की गई थी। बुलेट मालिकों का 15 हजार रुपये का चालान किया गया था।
बुलेट मालिकों ने चालान जमा करने के साथ ही शपथ पत्र दिया है। उन्होंने शपथ ली है कि वे साइलेंसर में कोई बदलाव नहीं करेंगे, जिससे ध्वनि प्रदूषण पैदा हो। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी उल्लंघन करने पर बुलेट का पंजीकरण निरस्त करने के लिए एआरटीओ प्रशासन को संस्तुति की जाएगी। एआरटीओ प्रशासन एके पांडे ने कहा कि शपथ पत्र देने के बावजूद अवहेलना करने पर बुलेट का पंजीकरण निरस्त कर दिया जाएगा।
परिवहन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक आबादी वाले क्षेत्र में 55 डेसिबल तक की ध्वनि को सामान्य माना जाता है। युवा शौक के लिए साइलेंसर में बदलाव करवाते हैं, जिससे 100 डेसिबल से भी ज्यादा आवाज निकलती है। तेज आवाज वाली बुलेट जब्त कर ली जाती है। साइलेंसर को पुलिस तोड़ देती है। चालकों पर मुकदमा दर्ज करने के अलावा जुर्माना भी किया जाता है।
परिवहन विभाग ने तीन अगस्त को डीलरों और वर्कशॉप के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी। एआरटीओ प्रशासन ने निर्देश दिया था कि साइलेंसर में तेज आवाज के लिए बदलाव न करें। यदि बदलाव करते हैं तो डीलरों और वर्कशॉप मालिकों के खिलाफ कार्रवाई होगी। एआरटीओ प्रशासन एके पांडे ने कहा कि अभी तक किसी भी डीलर या वर्कशॉप मालिकों के खिलाफ शिकायत या जानकारी नहीं मिली है। ऐसे में कोई कार्रवाई नहीं की गई है।