लाखों रुपए के गबन की आरोपी इंस्पेक्टर लक्ष्मी सिंह चौहान न्यायालय से बरी…
“हिंद वतन समाचार” पर 31 अक्तूबर 2019 को चली खबर 👆
इसी खबर के बारे में 7 नवंबर 2019 को चली खबर 👆
दरोगा नवीन पचौरी सहित अन्य 6 पुलिसकर्मी भी भ्रष्टाचार के आरोप में बरी…
मेरठ की विशेष अदालत ने सुनाया फैसला…
लखनऊ/मेरठ। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम न्यायालय के विशेष न्यायाधीश (कोर्ट संख्या-2) ने भ्रष्टाचार के मामले में गाजियाबाद की इंस्पेक्टर लक्ष्मी सिंह चौहान, उप निरीक्षक नवीन पचौरी, कांस्टेबल बच्चू सिंह, फराज खान, धीरज, सौरभ कुमार और सचिन शर्मा को बरी कर दिया है।
एडीजीसी क्रिमिनल महेंद्र सिंह के अनुसार वादी राजीव सचान ने केस दर्ज कराया था कि ये सभी आरोपी पुलिसकर्मी लिंक रोड गाजियाबाद क्षेत्र में ड्यूटी पर तैनात थे। इन्होने राजीव को चेकिंग के नाम पर रोक लिया। उसके पास से एक करोड़ रुपये बरामद किए गए। आरोप कि गिरफ्तारी के बाद कम रुपये की बरामदगी दिखाई गई। करीब 80 लाख रुपये का गबन करने का आरोप इंस्पेक्टर पर लगाया गया था। न्यायालय में आरोपी पक्ष की ओर से दलील दी गई कि उन्हे झूठा फंसाया जा रहा है। वादी के अधिवक्ता ने कड़ा विरोध किया। न्यायालय ने पत्रावली पर साक्ष्यों को देखते हुए आरोपियों को भ्रष्टाचार के आरोप से बरी किया गया।
सितंबर 2019 में यह मामला गाजियाबाद में काफी सुर्खियों में रहा था। सीएमएस कंपनी के कैश कस्टोडियन राजीव सचान और उसके साथी आमिर को गबन के आरोप में लिंक रोड पुलिस ने गिरफ्तार किया था। तत्कालीन एसएचओ लक्ष्मी चौहान ने दोनों से 45.81 लाख बरामद दिखाए थे, जबकि सीओ की पूछताछ में आरोपियों से 1.15 करोड़ रुपए बरामद होने की बात सामने आई थी। शुरुआती जांच व सीसीटीवी कैमरों की फुटेज के आधार पर इंस्पेक्टर लक्ष्मी सिंह चौहान समेत सात पुलिसकर्मियों के खिलाफ 25 सितंबर 2019 को भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया गया था।
फरार होने के कारण सभी के घर पर कुर्की नोटिस चस्पा करते हुए 25-25 हजार का इनाम घोषित किया था। इनाम घोषित होने के बाद लक्ष्मी चौहान, धीरज भारद्वाज और बच्चू सिंह ने मेरठ की कोर्ट में सरेंडर किया था। न्यायालय ने पत्रावली पर साक्ष्यों को देखते हुए आरोपियों को भ्रष्टाचार के आरोप से बरी किया और पैसा गबन करने के आरोप में मुकदमा गाजियाबाद में विचार के लिए जिला जज गाजियाबाद को निर्देशित किया है। पुलिस की शुरुआती जांच में उस समय पाया गया था कि पुलिस टीम ने एक करोड़ रुपये से ज्यादा रकम बरामद की थी, लेकिन बरामदगी सिर्फ 45 लाख रुपये की दिखाई गई।
न्यायालय ने पत्रावली पर साक्ष्यों को देखते हुए आरोपियों को भ्रष्टाचार के आरोप से बरी किया और पैसा गबन करने के आरोप में मुकदमा गाजियाबाद में विचार के लिए जिला जज गाजियाबाद को निर्देशित किया है। (4 सितंबर 2021)
विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,