जगप्रवेश हॉस्पिटल में डॉक्टर की नियुक्ति पर विचार करे सरकार
नई दिल्ली, 02 सितंबर। उच्च न्यायालय ने गुरुवार को दिल्ली सरकार को जगप्रवेश मल्टी-स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में पर्याप्त संख्या में डॉक्टरों की नियुक्ति के बारे में विचार करने कहा है। न्यायालय ने याचिका का निपटारा करते हुए सरकार को यह आदेश दिया है। याचिका में कहा गया था कि हॉस्पिटल में एनेस्थेटिस्ट की कमी के चलते गर्भवती महिलाओं को भर्ती करने से इनकार किया जा रहा है।
मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति की पीठ ने याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि नियुक्ति की प्रक्रिया के लिए विज्ञापन, साक्षात्कार और काफी कुछ चाहिए। साथ ही याचिका में की गई मांग पर पहले अधिकारियों को विचार करना चाहिए। पीठ ने दिल्ली सरकार को याचिका को बतौर प्रतिवेदन मानते हुए मौजूदा कानून और नीति के अनुसार डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए समुचित निर्णय लेने का आदेश दिया है। इससे पहले सरकार की ओर से अतिरिक्त स्थायी अधिवक्ता सत्यकाम ने पीठ को बताया कि संबंधित अधिकारी अस्पतालों में खाली पदों पर नियुक्ति के लिए लोगों का साक्षात्कार ले रहे हैं। उन्होंने पीठ से कहा कि अस्पताल में किसी भी मरीज को भर्ती करने से इनकार नहीं किया जा रहा है।
सामाजिक कार्यकर्ता और पेशे से अधिवक्ता अमित साहनी ने याचिका में दावा किया था कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में स्थित जगप्रवेश अस्पताल में डॉक्टरों की खासकर एनेस्थेटिस्ट की कमी के चलते गर्भवती महिलाओं को भर्ती करने से इनकार किया जा रहा है। साहनी ने पीठ को बताया कि आपात स्थिति को देखते हुए सरकार को प्रतिवेदन दिए बगैर ही याचिका दाखिल किया है। उन्होंने अखबारों में प्रकाशित खबरों का हवाला देते हुए याचिका में कहा कि एनेस्थेटिस्ट की कमी के कारण जगप्रवेश हॉस्पिटल में हाल ही में ऐसी अराजक स्थिति पैदा हो गई कि स्थिति को संभालने के लिए पुलिस तैनात करने पड़े। साहनी ने कहा कि अस्पताल में विशेषज्ञों और डॉक्टरों की कमी का सीधा असर इलाके के गरीब और आर्थिक रूप से वंचित वर्ग पड़ता है।