पुरानी बस बनाए रखने में नई से ज्यादा पैसे खर्च हो रहे : विजेंद्र गुप्ता
नई दिल्ली, 02 सितंबर। भाजपा विधायक और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने आरोप लगाया है कि दिल्ली परिवहन निगम की सभी बसों की तकनीकी आयु पूरी हो चुकी है। उनको सड़क पर बनाए रखने के लिए दिल्ली सरकार जितनी राशि खर्च कर रही है, उससे 2000 नई बसों की खरीद की जा सकती है। विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार ने एक हजार नई बसों की खरीद पर 500 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
इस हिसाब से अगर वह डीटीसी बेड़े की सभी 3728 बसों को बदलने का तय करें तो कुल 1800 करोड़ रुपये खर्च आएगा। जबकि, इन पुरानी बसों के रखरखाव के लिए इससे ज्यादा राशि खर्च की जा रही है। गुप्ता ने कहा कि 2015 से हर साल डीटीसी को लगातार घाटा हो रहा है।
2014-2015 में डीटीसी का घाटा 1,019 करोड़ रुपये था जो 2019-20 में बढ़कर 1,834 करोड़ रुपये से अधिक हो गया। उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी के सत्ता में आने के बाद पिछले सात सालों में एक भी नई डीटीसी बस को नहीं जोड़ा गया है। डीटीसी का घाटा नई ऊंचाइयां छू रहा है, जबकि बसों की संख्या घट रही है, जिससे दिल्ली के लोगों को परेशानी हो रही है।
गुप्ता ने कहा कि उन्होंने सीवीसी से शिकायत की थी और एक हजार पुरानी डीटीसी बसों के एएमसी अनुबंध में उनके हस्तक्षेप की मांग की थी। शिकायत पर संज्ञान लेते हुए सीवीसी ने जांच शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि 1,000 नई बसों की एएमसी बोली में पाई गई खामियां 1,000 पुरानी बसों के रखरखाव अनुबंध में दिखाई देती हैं।