जब शमिता गालियां देती हैं तब करण जौहर चुप क्यों रहते हैं?’ जीशान-मिलिंद ने उठाया बड़ा सवाल…
मुंबई, 24 अगस्त। ‘बिग बॉस ओटीटी’ के होस्ट करण जौहर कितने फेयर हैं, इसको लेकर सोशल मीडिया के साथ ही अब घर के अंदर भी सवाल उठने लगे हैं। रविवार के एपिसोड में दिव्या अग्रवाल और जीशान खान की करण जौहर ने खूब आलोचना की। जबकि दर्शकों ने महसूस किया कि करण जौहर कहीं न कहीं शमिता शेट्टी को सपोर्ट कर रहे हैं। दिलचस्प है कि अब घर यानी ‘बिग बॉस ओटीटी’ शो में भी इस बात को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। जीशान खान और मिलिंद गाबा को ‘वीकेंड का वार’ एपिसोड के बाद इस बारे में चर्चा करते हुए देखा गया।
बीते हफ्ते जीशान खान और अक्षरा सिंह में गंदी लड़ाई हुई। करण जौहर ने इस पर जीशान खान की क्लास लगा दी। उन्हें पूरे एपिसोड में पीछे बिठाया और इग्नोर किया। एपिसोड के बाद लाइव फीड में जीशान अपने दोस्त मिलिंद गाबा से इस बारे में बात करते हुए नजर आते हैं। जीशान कहते हैं कि उन्हें खुद का पक्ष रखने का मौका दिया जाना चाहिए था। जीशान कहते हैं, ‘मुझे मेरी सिर्फ एक लाइन के लिए महिला विरोधी बता दिया गया, जबकि मुझे 1000 बातें कही गईं, उनपर कोई बात नहीं की गई।’ जीशान की बातों से मिलिंद भी सहमत दिखे। मिलिंद ने इस पर कहा, ‘तुमने उससे दायरे (अक्षरा से) की बात की, इस बारे में सभी महिला कंटेस्टेंट्स की राय ली गई, लेकिन लड़कों से कुछ नहीं पूछा गया, क्यों?’ इस पर जीशान नाराजगी जाहिर करते हुए कहते हैं, ‘क्योंकि सभी लड़के महिला विरोधी हैं।’
मिलिंग आगे कहते हैं कि जिस तरह शमिता शेट्टी ने निशांत को गालियां दीं और बाद में माफी मांग ली, करण जौहर ने इस पर कुछ नहीं कहा। लेकिन जब जीशान ने सॉरी कहा तो करण ने उसे स्वीकार नहीं किया। मिलिंद इस पर कहते हैं कि उन्हें ऐसा लगता है कि करण जौहर शमिता शेट्टी को लेकर ‘बायस्ड’ हैं। जीशान भी मिलिंद की इस बात पर सहमत होते हैं।
वीकेंड का वार’ एपिसोड के बाद सोशल मीडिया पर भी करण जौहर को लेकर खूब सवाल उठे हैं। एक्स ‘बिग बॉस’ कंटेस्टेंट सुयश राय ने भी इंस्टाग्राम पर लिखा कि करण जौहर जिस तरह दिव्या अग्रवाल को टारगेट कर रहे हैं और शमिता को कुछ नहीं कहते, यह साफ दिखता है कि वह ‘फेयर’ नहीं हैं, ‘लूजर’ हैं। सुयश ने तो यहां तक लिखा कि करण जौहर को फिल्में ही बनानी चाहिए, वह वही करें तो ठीक है। सुयश लिखते हैं, ‘करण जौहर आप सलमान खान नहीं हैं। सिर्फ होस्ट बन जाने से नहीं होता है। इस पद को निभाना भी पड़ता है।’
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…