शिक्षा के साथ सुरक्षा जरूरी इसलिए आया…
साइबर सिक्योरिटी का पाठ…
अलीगढ़, 13 जुलाई। कोरोना काल ने पहले ही लोगों की दिनचर्या व जीवन को बदलकर रख दिया है। कोरोना संक्रमण के चलते शिक्षा हो या व्यापार हर क्षेत्र में आनलाइन माध्यम को अपनाया गया है। शिक्षा का क्षेत्र है तो आनलाइन माध्यम से पढ़ाई और व्यापार है तो आनलाइन माध्यम से पेमेंट को तरजीह दी गई। आमतौर पर मोबाइल व कंप्यूटर के माध्यम से यूजर्स अपनी लाइगन या आइडी से आनलाइन माध्यम से जुड़ते हैं। ऐसे में आनलाइन माध्यम से लोगों के जुड़ने के साथ साइबर हैकर्स का खतरा भी सामने आना शुरू हुआ है। इसलिए इससे बचाव के लिए साइबर सिक्योरिटी का पाठ भी पढ़ाया जाना जरूरी है।
आनलाइन शिक्षण कार्य करने वाले विद्यार्थी हों या आनलाइन शिक्षण कराने वाले शिक्षक-शिक्षिकाएं हों, हर किसी के लिए साइबर हैकर्स मुसीबत बन सकते हैं। विद्यार्थियों को इससे बचाने के लिए स्कूलस्तर पर जानकारी दी जाती है। मगर शिक्षकों को इससे बचाने के लिए प्रोग्राम शुरू किया जा रहा है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने साइबर सिक्योरिटी ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू करने की पहल की है। इस प्राेग्राम का हिस्सा बनना हर सीबीएसई स्कूल के शिक्षकों के लिए अनिवार्य भी किया गया है। शिक्षकों को आनलाइन शिक्षा में सुरक्षा बरतने के साथ-साथ आनलाइन बैंकिंग, वित्तीय लेन-देन, शापिंग आदि के बारे में भी सुरक्षित रहने की जानकारी दी जाएगी। साथ ही इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने वाले संदेशों की सच्चाई परखने के बारे में भी बताया जाएगा। बाद में प्रोग्राम पूरा होने पर शिक्षकों को यही जानकारी आनलाइन शिक्षा से जुड़े विद्यार्थियों को भी देनी होगी। विद्यार्थियों के अलावा शिक्षकों की जब अभिभावकों के साथ मीटिंग होगी तो उनको भी इन महत्वपूर्ण जानकारियों से अवगत कराया जाएगा।
सीबीएसई जिला को-आर्डिनेटर आरती निगम ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल में आनलाइन माध्यम पर ही शिक्षा निर्भर हो गई है। ऐसे में साइबर हैकर्स का खतरा भी बढ़ जाता है। इस पर सीबीएसई ने शिक्षकों को इस मुसीबत से बचाने के लिए शानदार कदम उठाया है। ज्यादातर लोग जानकारी होने के बावजूद भी गलतियां कर जाते हैं। इसलिए ट्रेनिंग प्रोग्राम उनके लिए हितकर साबित होगा।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…