कई घंटे तक पुलिस ने कूड़े में की मोबाइल की तलाश, खाली हाथ लौटी टीम…
आगरा, 12 जुलाई । शीतगृह स्वामी के इकलौते बेटे सचिन का मोबाइल बरामद नहीं हो सका। हत्यारोपित को पुलिस कोर्ट के आदेश पर कस्टडी में लेकर कानपुर तक गई थी। वहां कई घंटे तक कूड़े में मोबाइल की तलाश की। मगर, मोबाइल नहीं मिला। ऐसे में पुलिस खाली हाथ लौट आई। पीसीआर का समय पूरा होने पर पुलिस ने रविवार को आरोपित को जेल में दाखिल कर दिया।
दयालबाग के जयराम बाग निवासी शीतगृह स्वामी सुरेश चौहान का इकलौता बेटा सचिन चौहान की 21 जून को हत्या की गई थी। इसके बाद आरोपितों ने कोरोना पाजिटिव का शव बताकर बल्केश्वर घाट पर उसका अंतिम संस्कार कर दिया।एसटीएफ ने इस मामले में सुरेश चौहान के बिजनेस पार्टनर लेखराज चौहान के बेटे हर्ष, सुमित आसवानी, हैप्पी खन्ना, रिंकू और मनोज बंसल को गिरफ्तार कर मामले का पर्दाफाश कर दिया था। मनोज बंसल फिरौती मांगने के लिए सचिन का मोबाइल लेकर कानपुर की तरफ गया था। उसे दो करोड़ की फिरौती मांगनी थी। पुलिस के अनुसार उसने पकड़े जाने के डर से मोबाइल तोड़कर कूड़े के ढेर में फेंक दिया था। विवेचक इंस्पेक्टर न्यू आगरा भूपेंद्र बालियान ने शनिवार की सुबह 11 बजे मनोज बंसल को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिया था। टीम उसे लेकर कानपुर पहुंची। आरोपित ने जिस स्थान पर मोबाइल कूड़े में फेंकने की जानकारी दी थी, वहां काफी तलाश की। मगर, मोबाइल नहीं मिला। कोर्ट से 24 घंटे की रिमांड मिली थी। मोबाइल नहीं मिलने पर हत्यारोपित को रविवार सुबह जेल में दाखिल कर दिया गया।
इंस्पेक्टर न्यू आगरा भूपेंद्र बालियान ने बताया कि जल्द ही कोर्ट में डीएनए परीक्षण के लिए खून के नमूने लेने के लिए प्रार्थना पत्र देंगे। कोर्ट के आदेश पर पांचों हत्यारोपितों के खून के नमूने लिए जाएंगे। पुलिस को घटना स्थल से बाल मिले थे। डीएनए परीक्षण से साफ होगा कि बाल किसके हैं। यह केस में आरोपितों के खिलाफ मजबूत वैज्ञानिक साक्ष्य बनेगा।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…