प्रदेश सरकार की उदासीन रवैये के कारण टेनरी उद्योग तबाह- राष्ट्रीय लोक दल…

प्रदेश सरकार की उदासीन रवैये के कारण टेनरी उद्योग तबाह- राष्ट्रीय लोक दल…

लखनऊ 23 जून। राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनुपम मिश्रा ने कानपुर के टेनरी उद्योग की जर्जर हालत के लिए प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए सरकार पर आरोप लगाया कि जब से प्रदेश में भाजपा की सरकार आई है कानपुर का टेनरी उद्योग तबाही के कगार पर पहुँच गया है। कानपुर के चमड़ा उत्पाद ना केवल कानपुर की पहचान है बल्कि विश्व जगत में भी कानपुर के चमड़ा उत्पादों का डंका बजता रहा है। आज वही उद्योग अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। इसी उद्योग से भारत विश्व में चमड़ा उत्पाद बनाने वाले देशों में प्रथम स्थान पर है। आज वही उद्योग सरकार के उदासीन रवैया के कारण चरमरा चुका है। कानपुर में चमड़ा उद्योग की लगभग 402 इकाइयों में से वर्तमान में केवल 140 ही कार्य कर रही है वह भी आधी क्षमता के साथ और धीरे-धीरे यह कारोबार भी बंदी की तरफ अग्रसर है क्योंकि कानपुर की बहुत सारी चमड़ा उत्पाद से जुड़ी उद्योग इकाईयां बांग्लादेश ,पश्चिम बंगाल और बिहार में अपनी इकाइयाँ स्थापित करने का प्रयास कर रही हैं।
अनुपम मिश्रा ने कहा कि विगत 30 वर्षों में कानपुर की पहचान प्रदेश की औद्योगिक राजधानी के रूप में रही है जो अब सरकार की उदासीनता व अन्य नीतियों के कारण अपनी पहचान खोने को विवश है। बची खुची इकाइयां भी कानपुर से पलायन के लिए प्रयत्नशील है क्योंकि पिछले 3 वर्षों में चमड़ा उद्योग का लगभग 20000 करोड रुपए का व्यापार घटा है और लगभग 8 से 10 लाख लोग बेरोजगार भी हुए हैं। कानपुर के चमड़ा उद्योग के बांग्लादेश पलायन के कारण ही इतने कम समय में बांग्लादेश भारत के बाद विश्व में दूसरे स्थान का चमड़ा उत्पादक देश बनकर उभरा है और लगभग 2000 करोड रुपए का चमड़ा उत्पादन की माँग न केवल बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल को चली गई बल्कि चार बड़े- बड़े अंतरराष्ट्रीय स्तर के ब्रांड भी जैसे सुपर हाउस, पेसिफिक, यूनिक ,जमजम, क्रिस्टल व सनशाइन जैसे उत्पाद भी हमारे हाथ से निकल गए हैं जबकि कुछ वर्षों पहले तक यही उत्पाद कानपुर की पहचान और शान हुआ करते थे, तथा भारी मात्रा में विदेशी मुद्रा को भारत लाने का काम करते हुए देश व प्रदेश की अर्थव्यवस्था में एक बड़ा योगदान देती थी। इसलिए राष्ट्रीय लोकदल यह मांग करता है कि सरकार को। चमड़ा, उद्योग की पुनः स्थापना एवं उसके मार्ग में आने वाली कठिनाइयों को तत्काल दूर करने का प्रयास करना चाहिए ताकि जो प्रदेश की अर्थव्यवस्था को चमड़ा उद्योग की बर्बादी के कारण रोज़गार और आय की हानि हो रही है, उससे भी बचा जा सके।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…