*मंदिर तोड़ने पर कलेक्ट्रेट में किया प्रदर्शन,*
*सामूहिक आत्मदाह का प्रयास*
*आगरा।* जिला मुख्यालय में उस समय अफरा तफरी मच गई, जब अखिल भारत हिन्दू महासभा के पदाधिकारियों ने अपने ऊपर केरोसिन डालकर सामूहिक आत्मदाह करने का प्रयास किया।
इस दौरान हिन्दूवादियों की पुलिसकर्मियों से झड़प भी हुई, पुलिस ने सभी के हाथों से केरोसीन की बोतल छीन ली। आक्रोशित कार्यकर्ता एडीए और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रभु हनुमान की मूर्ति को वापस दिलाने, मंदिर का निर्माण कराने और अवैध मजारों पर एडीए द्वारा बुलडोजर चलाये जाने की मांग करने लगे। इस दौरान पुलिस ने सभी हिंदूवादी नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया और थाने भेज दिया।
16 जून को एडीए द्वारा देहतोरा स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर को अतिक्रमण के नाम पर ढहाये जाने और प्रभु हनुमान की मूर्ति वापस न किये जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। दो दिन पहले अखिल भारत हिंदू महासभा के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने मंदिर निर्माण कराये जाने का अल्टीमेटम पर कोई कार्यवाही न होने पर पैदल मार्च किया था, जिसे प्रशासन ने रोक दिया था।
इस दौरान एडीए से प्रभु हनुमान की प्रतिमा वापस कराने व सड़कों पर बनी अवैध मजारों को हटाने का आश्वासन दिया था, लेकिन इस आश्वासन पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई जिससें आक्रोशित महासभा के पदाधिकारियों ने जिला मुख्यालय पर सामूहिक आत्मदाह करने का प्रयास किया।
जिला मुख्यालय पर आत्मदाह का प्रदर्शन गौरक्षा विभाग ब्रज प्रांत अध्यक्ष धर्मेंद्र के नेतृत्व में किया गया था। प्रदर्शन के दौरान प्रभु हनुमान की मूर्ति वापस कराए जाने और मंदिर निर्माण की मांग गूंजती रही। वहीं जिला मुख्यालय पर आत्मदाह करने वाले हिंदूवादी कार्यकर्ताओं को थाने ले जाने की सूचना पर संगठन के पदाधिकारियों में रोष है।
अखिल भारत हिंदू महासभा के अध्यक्ष रौनक ठाकुर भी थाने पर पहुंचे और कहा कि पुलिस और प्रशासन संगठन की मांग पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। प्रशासनिक अधिकारियों ने जब मूर्ति को वापस कराने और अवैध मजारों को ढहाने का आश्वासन दिया था तो उस आश्वासन को पूरा क्यों नहीं किया गया।
हिंदूवादी रौनक ठाकुर का कहना था कि अगर कार्यकर्ताओं को कानूनी कार्रवाई कर जेल भेजा गया तो फिर प्रशासनिक अधिकारी गरिमा सिंह के खिलाफ भी मूर्ति लूटने के मामले में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। शहर की सड़कों पर जहां-जहां अवैध मजारे होंगी। उनको संगठन के कार्यकर्ता खुद हटाने का काम करेंगे।