आंखों की बीमारी ग्लूकोमा या काला मोतिया से पीड़ित मरीजों का बिना सर्जरी इलाज किया जा सकता है। एम्स के एक अध्ययन के मुताबिक ध्यान लगाने से आंख के दबाव को कम करने में मदद मिल सकती है। इंट्राओकुलर दबाव (आंखों का दबाव) कम करना ग्लूकोमा के मरीजों के लिए एकमात्र उपचार है।
एम्स के प्रोफेसर और इस अध्ययन के पहले लेखक डॉ. तनुज दादा ने बताया कि अध्ययन के तहत 90 ग्लूकोमा मरीजों को दो समूहों में बांटा गया। एक समूह ने ग्लूकोमा दवाओं के साथ योग के एक प्रशिक्षक की निगरानी में 21 से अधिक दिनों तक हर सुबह 60 मिनट तक ध्यान लगाया और प्राणायाम किया।
वहीं दूसरे समूह ने ध्यान के बिना सिर्फ दवाएं ही लीं। तीन सप्ताह के बाद ध्यान लगाने वाले समूह में इंट्राओकुलर दबाव में कमी देखी गई। यह 19 एमएमएचजी से 13 एमएमएचजी पर आ गया। शोध में शामिल मरीजों को ध्यान लगाने से तनाव के लिए जिम्मेदार हॉर्मोन कॉर्टिसॉल का स्राव नियंत्रित करने में मदद मिली।
ग्लूकोमा के मरीजों में इंट्राओकुलर दबाव कम करने के लिए दवा व सर्जरी का इस्तेमाल होता है। इसमें ध्यान से फायदा दिखा है।
तनुज दादा, एम्स के प्रोफेसर
ग्लूकोमा के मरीजों पर 21 से अधिक दिनों तक शोध किया गया