8 वीं पास महिला पर फर्जी दस्तावेज से प्लाट बेचने का आरोप…
सात साल से थी पुलिस के रिकॉर्ड में भगोड़ा…
नई दिल्ली। फर्जी दस्तावेजों की मदद से डीडीए का प्लाट बेचने के मामले में शामिल महिला को दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है। आरोपित महिला इस मामले की जांच में शामिल नहीं हो रही थी। ऐसे में वर्ष 2014 में उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया था। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त आरके सिंह ने बताया कि माडल टाउन तीन निवासी संजय गोयल ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें बताया गया कि वह और उनके परिवार के लोगों को प्रापर्टी डीलर जितेंद्र गुप्ता और उसके सहयोगियों ने ठगा है।
फर्जी दस्तावेज बनाकर डीडीए प्लाट परिवार के लोगों को बेचे गए। इस तरह से उनके परिवार से जुड़े लोगों को सात करोड़ रुपये की चपत लगाई गई। जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि इस फर्जीवाड़े के पीछे जितेंद्र गुप्ता का ही हाथ है। आरोपितों ने जो प्लाट के दस्तावेज उन्हें दिए थे वह डीडीए से पता चला कि वे लोग प्लाट के असली मालिक नहीं थे। उन्होंने फर्जी दस्तावेजों की मदद से धोखाधड़ी की। पकड़ी गई महिला आरोपितों के साथ साजिश का हिस्सा थी। उसने खुद की पहचान गु¨रद्र बेदी के तौर पर दी थी और रोहिणी के सेक्टर 28 के सी ब्लाक पाकेट पांच में अपना प्लाट होना बताया था।
मामले में आर्थिक अपराध शाखा ने धोखाधड़ी का मुकदमा किया था, लेकिन आरोपित महिला जांच में शमिल नहीं हो रही थी। इस वजह से वर्ष 2014 में कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था। मामले में छह आरोपित जितेंद्र गुप्ता, हर्ष कुमार खेरा, धीरज कुमार, विनोद शर्मा, पवन शर्मा और सुरेश शर्मा को पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं। पुलिस को इस मामले में आरोपित महिला की तलाश थी। जांच में पता चला कि आरोपित महिला महज आठवीं तक पढ़ी है। उसके पति और बेटा भी धोखाधड़ी के मामले में शामिल थे, जो पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…