एक सब इंस्पेक्टर और एक हेड कांस्टेबल निलंबित…

एक सब इंस्पेक्टर और एक हेड कांस्टेबल निलंबित…

बिना केस दर्ज हुए पूछताछ के लिए ले जाई गई थीं लड़कियां…

कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में खड्डा क्षेत्र के एक गांव की दो नाबालिग लड़कियों को जिस मामले में पूछताछ के नाम पर जबरदस्ती रामपुर कारखाना पुलिस घर से उठा ले गई थी। उसमें पहले से केस दर्ज नहीं था। एक सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा इस मामले को वरिष्ठ अफसरों के संज्ञान में लाने के बाद देवरिया के एसपी ने रामपुर कारखाना थाने के सब इंस्पेक्टर अखिलेश कुमार व हेड कांस्टेबल संपत वर्मा को निलंबित कर दिया गया है। उधर, लड़कियों के पिता ने पुन: रजिस्टर्ड डाक से उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर मुकदमा दर्ज कराने और कड़ी कार्रवाई की मांग की है। चेतावनी दी है कि मुकदमा दर्ज नहीं हुआ तो परिवार सहित जान दे देंगे।

27 मई को खड्डा थानाक्षेत्र के एक गांव से दो नाबालिग लड़कियों को बिना केस दर्ज हुए देवरिया जिले की रामपुर कारखाना थाना के दरोगा अखिलेश कुमार कुछ पुलिसकर्मी जबरदस्ती उठा ले गए थे। आरोप है कि सात घंटे तक दोनों के साथ मारपीट, गाली-गलौज किया गया। मानव सेवा संस्थान के निदेशक राजेश मणि ने इस मामले को राष्ट्रीय व राज्य बाल आयोग सहित शीर्ष अधिकारियों के संज्ञान में लाया। इसके बाद देवरिया पुलिस ने गलती मानते हुए जांच की बात कही थी। इसी क्रम में दरोगा अखिलेश कुमार व हेड कांस्टेबल संपत वर्मा को निलंबित किया गया है। देवरिया जिले के एएसपी राजेश सोनकर ने दूरभाष पर बताया कि रामपुर कारखाना थाने के एक सब इंस्पेक्टर व हेड कांस्टेबल निलंबित किए गए हैं। अभी जांच जारी है और भी कार्रवाई होगी।

इस मामले में किशोरियों के पिता ने सोमवार को पुन: उच्चाधिकारियों को रजिस्टर्ड डाक से शिकायती पत्र भेजकर बताया है कि दोषी पुलिसवालों पर अब तक मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है, न ही किसी प्रकार की जानकारी दी गई है। हल्की-फुल्की कार्रवाई कर दोषी पुलिसवालों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने संबंधित पुलिसवालों पर अपहरण, छेड़छाड़, मारपीट व पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज करने और गिरफ्तार कर जेल भेजने की मांग दोहराई है। दोनों लड़कियां अभी भी सदमे में हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर न्याय नहीं मिला तो पूरे परिवार के साथ जान देने पर विवश हो जाएंगे।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…