मुख्यमंत्री के सख्त आदेश के बाद भी सुधरने का नाम नहीं ले रहा जिले का स्वास्थ्य विभाग…
ग्रामीण अस्पतालों के डाक्टर और स्टाफ का नहीं है कोई आने जाने का समय…
ग्रामीण इलाकों स्टाफ और डॉक्टर रहते अस्पतालों से नदारद…
बढ़पुरा इटावा-: ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी अस्पतालों के हालात किसी से छिपे नहीं हैं यहां ना सिर्फ चिकित्सीय व्यवस्थाओं के साथ हीला हवाली की जाती है बल्कि डॉक्टर और स्टॉप समूचे अस्पताल कोई प्राइवेट संपत्ति समझकर जब मन चाहे तब ड्यूटी पर आना और जब मन चाहे ड्यूटी से चले आना लगा रहता है।
वही अभी दो दिन पहले ही सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दौरा पिछले कुछ दिनों से जनपद में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर चल रही हीला हवाली की वजह से ही हुआ था जिस पर सूबे के मुखिया ने साफ शब्दों में स्वास्थ्य विभाग को हिदायत देते हुए कहा कि मरीजों के साथ किसी भी तरह की लापरवाही ना की जाए और सभी स्टाफ एवं डॉक्टर समयानुसार अस्पताल में अपनी हाजिरी लगाएं।
वही इस समय व्याप्त कोरोना महामारी को लेकर जनपद में ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में पूरा सिस्टम हाई अलर्ट पर देखा जा रहा है कहीं भी कोई लापरवाही ना बरते, पूरी सक्रियता से कार्य के लिए निर्देश लगातार दिए जा रहे हैं।
लेकिन इसी बीच बढ़पुरा विकासखंड में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उदी के स्टाफ और डॉक्टर मुख्यमंत्री के आदेशों की धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे हैं।
आपको बता दें की सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उदी सदर विधायक सरिता भदौरिया के गांव में होने के कारण यहां के डॉक्टर और स्टाफ को लगातार सदर विधायक सरिता भदौरिया के द्वारा कड़े शब्दों में अस्पताल में किसी भी तरह की लापरवाही ना हो इसके लिए निर्देश दिए जाते रहे हैं मगर यहां के डॉक्टर और स्टाफ है कि उन्होंने इस अस्पताल को अपनी निजी संपत्ति बना रखा है जहां ना तो किसी के आने का समय है ना किसी के जाने का समय इसी को देखते हुए नवागत ग्राम प्रधान उदी आदित्य भदौरिया और सोनू को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उदी में डॉक्टर और स्टाफ कि इस तरह की लापरवाही की भनक लगते ही तत्काल अस्पताल पहुंचे जहां उन्होंने देखा की 9:30 बजे तक वहां पर ना तो कोई स्टाफ था ना ही कोई डॉक्टर मौजूद था तो मात्र एक अस्पताल की देखरेख करने वाला कर्मचारी जोकि नवागत ग्राम प्रधान से स्टाफ और डॉक्टरों की मनमानी की हकीकत खुद बयां करता हुआ नजर आया। और यह बताता हुआ नजर आया कि इनकी मनमानीयों से मुझे कितनी परेशानी हो रही है।
नवागत ग्राम प्रधान आदित्य भदोरिया ने इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए यह कहा कि मेरे कार्यकाल में इस तरह की लापरवाही मैं अपने ग्राम पंचायत के अस्पताल में नहीं होने दूंगा यहां पर कई गांव के मरीज बड़ी ही आस के साथ आते हैं और मायूस होकर डॉक्टर और स्टाफ के ना होने की वजह से उपचार के अभाव में जिला अस्पताल या अन्य किसी निजी अस्पताल का रुख कर लेते हैं।
अब देखना यह है की प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उदी में हो रही इतनी बड़ी लापरवाही को देखते हुए जनपद के वरिष्ठ अधिकारियों की क्या प्रतिक्रिया रहेगी।
या इन डाक्टर और स्टाफ की मनमानी के चलते मरीज उपचार के अभाव में इसी तरह भटकते रहेंगे।
पत्रकार नितेश प्रताप सिंह की रिपोर्ट…