पंचायत चुनाव में कोरोना संक्रमित होने के बाद…

पंचायत चुनाव में कोरोना संक्रमित होने के बाद…

जान गंवाने वाले कर्मचारियों को मुआवजा देगी योगी सरकार…

लखनऊ, 20 मई। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान हुई मौंतों के आंकड़ों को लेकर चल रही खींचातानी के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार का बड़ा फैसला लिया है। योगी सरकार ड्यूटी के दौरान संक्रमित होने के बाद मृत्यु होने वाले कर्मियों के परिवारों को भी मुआवजा देने का विचार कर रही है। इसके आड़े आ रही राज्य चुनाव आयोग की नियमावली में संशोधित करने के लिए मुख्यमंत्री ने आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि सरकार की संवेदना हर नागरिक के साथ है। हर एक मौत दु:खद है। प्रदेश में शिक्षकों की मौत को लेकर विपक्ष हमलावर है। वहीं, शिक्षक मंडल का कहना है कि ड्यूटी में लगे 1621 शिक्षकों की कोरोना से मौत हुई है। बेसिक शिक्षा विभाग के मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी ने दावा किया है कि ड्यूटी के दौरान केवल तीन ही मौतें हुई हैं। सरकार के इस दावा को जहां विपक्ष झूठला रहा है, वहीं शिक्षण से जुड़े लोगों में बहुत नाराजगी है। इसी बीच मुख्यमंत्री योगी ने फैसला किया है कि ड्यूटी के दौरान संक्रमित कर्मी की यदि बाद में भी मौत हुई है तो उन्हें मुआवजा की व्यवस्था होनी चाहिए। योगी सरकार की तरफ से अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि इस मामले में चुनाव आयोग से आख्या प्राप्त की जाए तथा मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज राज्य निर्वाचन आयोग से बात करके चुनाव आयोग को अपनी गाइडलाइन संशोधन करने का अनुरोध करें। चुनाव ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को एक निश्चित समय सीमा के अन्दर संक्रमण होने पर निधन होने इत्यादि की स्थिति को भी सम्मिलित करने पर विचार किया जाए। सरकार की तरफ से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, कोरोना संक्रमित जिस भी कर्मी की ड्यूटी के दौरान अथवा उसके बाद मृत्यु हुई है, राज्य सरकार आयोग की गाइडलाइन के नियमानुसार उनके परिवार को कंपनसेशन और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने के लिए आयोग की संस्तुतियों पर कार्यवाही करती है। चूंकि आयोग की गाइडलाइन पुरानी है। तब कोरोना नहीं था। लेकिन मुख्यमंत्री ने वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए संशोधन का आग्रह किया है।

संवाददाता मतीन अहमद की रिपोर्ट…