सौ वर्ष पुरानी मस्जिद को कथित रूप से ध्वस्त किए जाने का मामला…

सौ वर्ष पुरानी मस्जिद को कथित रूप से ध्वस्त किए जाने का मामला…

  “हिंद वतन समाचार” पर कल चली खबर 👆

सपा के प्रतिनिधिमंडल ने डीएम को ज्ञापन सौंपा 👆  

कांग्रेसी नेताओं को प्रशासन ने बाराबंकी जाने से रोका: सपा ने जांच के लिए गठित की कमेटी…

भाजपा सांसद/विधायक ने कार्रवाई को सही बताया…

लखनऊ/बाराबंकी। राजधानी से सटे जिले बाराबंकी की रामसनेहीघाट तहसील परिसर में स्थित 100 वर्ष पुरानी मस्जिद को कथित रूप ध्वस्त किए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने जहां इस मामले को हाईकोर्ट ले जाने की चेतावनी दी है वहीं समाजवादी पार्टी ने मामले की जांच के लिए नौ सदस्यीय कमेटी गठित की है तो आज प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व अन्य नेताओं को मौके पर जाने से प्रशासन द्वारा रोक दिया गया। वहीं भाजपा सांसद/विधायक जिला प्रशासन के पक्ष में आ गए हैं और कहा है कि वक्फ बोर्ड ने तथ्यों को छिपाकर पंजीकरण कराया था।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, पूर्व सांसद पीएलए पुनिया एवं पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी व अन्य कांग्रेसी नेता इस मामले को आज लेकर बाराबंकी जा रहे थे, तभी बीच रास्ते में ही जिला प्रशासन ने उन्हे रोक दिया। इसको लेकर कांग्रेस नेताओं व अधिकारी के बीच नोंकझोंक भी हुई। कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि हाईकोर्ट के स्थगन आदेश के बावजूद यूपी सरकार के आदेश पर मस्जिद गिरा दी गई। अजय कुमार लल्लू ने कहा कि ऐसी बेलगामी कभी नहीं देखी, कांग्रेस पार्टी अन्याय बर्दाश्त नहीं करेगी।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष/पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मामले की जांच के लिए नौ सदस्यीय कमेटी का गठन किया है, जिसमें जिलाध्यक्ष हाफिज अयाज के अलावा पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप, राकेश वर्मा, फरीद अहमद किदवई, पूर्व सांसद रामसागर रावत, पूर्व विधायक सुरेश यादव, गौरव रावत, एमएलसी राजेश यादव “राजू” एवं चेयरमैन चौधरी अदनान शामिल हैं। सपा नेताओं ने भी मस्जिद को ढहाए जाने की कड़ी निंदा की है। सपा के जिलाध्यक्ष का आरोप है कि रामसनेही घाट स्थित गरीब नवाज मस्जिद को पुलिस-प्रशासन ने सोमवार की रात कोरोना कर्फ्यू की आड़ में शहीद कर दिया।
बिना किसी कानूनी औचित्य के रात में ढहाया गया…
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कार्यवाहक महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने बयान जारी कर कहा कि मस्जिद को बिना किसी कानूनी औचित्य के सोमवार रात पुलिस के कड़े पहरे के बीच शहीद कर दिया गया। उन्होने कहा मस्जिद 100 साल पुरानी है और उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में इसका इंद्राज भी है, इस मस्जिद के सिलसिले में किसी किस्म का कोई विवाद भी नहीं है। मार्च के महीने में रामसनेहीघाट के उप जिलाधिकारी ने मस्जिद कमेटी से मस्जिद के आराजी से संबंधित कागजात मांगे थे। इसके खिलाफ मस्जिद प्रबंधन कमेटी ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी और अदालत ने समिति को 18 मार्च से 15 दिन के अंदर जवाब दाखिल करने की मोहलत दी थी, जिसके बाद एक अप्रैल को जवाब दाखिल कर दिया गया, लेकिन इसके बावजूद बगैर किसी सूचना के एकतरफा तौर पर जिला प्रशासन ने मस्जिद शहीद करने का जालिमाना कदम उठाया।
डीएम ने कहा-अवैध निर्माण था, कब्जा लिया गया…
बाराबंकी के जिलाधिकारी आदर्श सिंह ने मस्जिद और उसके परिसर में बने कमरों को अवैध निर्माण बताया। उनका कहना है कि इस मामले में संबंधित पक्षकारों को 15 मार्च को नोटिस भेजकर स्वामित्व के संबंध में सुनवाई का मौका दिया गया था, लेकिन परिसर में रह रहे लोग नोटिस मिलने के बाद फरार हो गए।जिसके बाद तहसील प्रशासन ने 18 मार्च को परिसर पर कब्जा हासिल कर लिया। डीएम ने यह भी कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की खंडपीठ लखनऊ द्वारा इस मामले को निस्तारित करने पर यह साबित हुआ कि आवासीय निर्माण अवैध है। इसी आधार पर उपजिला मजिस्ट्रेट रामनेहीघाट ने न्यायिक प्रक्रिया के तहत आदेश का अनुपालन कराया है।
घटना की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच हो. . . . .
उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जुफर अहमद फारूकी ने कहा कि मस्जिद की बहाली, घटना की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए हाईकोर्ट में जल्द ही मुकदमा दायर किया जाएगा। दूसरी ओर सांसद उपेंद्र सिंह रावत ने इस मामले में प्रशासन का पक्ष लेते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि प्रदेश के के ई जिलों में सुन्नी वक्फ बोर्ड ने अवैध रूप से सरकारी जमीन पर कब्जा कर रखा है। उन्होने यह भी कहा कि मस्जिद के नाम पर गलत तरीके से कब्जा करने वालों के खिलाफ उच्चस्तरीय जांच करवाकर कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए। कुर्सी से भाजपा विधायक साकेंद्र प्रताप वर्मा ने भी सांसद की बात का समर्थन करते हुए कार्यवाही के लिए पत्र लिखा है।
अभिलेखों में खसरा खतौनी नंबर सही नहीं है….
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी द्वारा संयुक्त द्वारा संयुक्त मजिस्ट्रेट को दी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि इस स्थल के पंजीकरण में सुन्नी वक्फ बोर्ड के अभिलेखों में खाता, खतौनी संख्या, खसरा नंबर,गाटा संख्या नहीं है, ऐसे में वक्फ संपत्ति का मालिकाना हक साबित नहीं होता है। प्रशासन ने बोर्ड को पत्र लिखकर संबंधित पंजीकरण निरस्त करने को कहा है।

अभी-अभी: सपा ने डीएम को सौंपा ज्ञापन….
रामसनेही घाट तहसील परिसर में सौ वर्ष पुरानी मस्जिद/भवन को ढहाए जाने के मामले में समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधि मंडल ने आज दिन में राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी डाॅ आदर्श सिंह को सौंपा। जिला प्रशासन जहां इसे अवैध भवन बता रहा है, वहीं सपा ने ढहाए गए भवन को मस्जिद बताते हुए पूरे मामले की निष्पक्ष जांच और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।(20 मई 2021)

विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,