पेपाल ने उच्च न्यायालय से कहा, अदालत के आदेश…

पेपाल ने उच्च न्यायालय से कहा, अदालत के आदेश…

के विपरीत है पेमेंट गेटवे को लेकर बनी समिति…

 

नई दिल्ली, 20 मई। अमेरिका की ऑनलाइन पेमेंट गेटवे पेपाल ने गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि यह पता करने के लिए समिति का गठन करना अदालत के आदेश के विपरीत है कि उसके जैसी संस्थाओं को पीएमएलए के तहत भुगतान प्रणाली परिचालक मानना चाहिए या नहीं।

 

पेपाल ने न्यायमूर्ति रेखा पल्ली से कहा कि इसलिए समिति द्वारा दाखिल की गई रिपोर्ट अवैध है, जो कंपनी पर लगाए गए 96 लाख रुपये के जुर्माने को चुनौती देने वाली कंपनी की याचिका पर सुनवाई कर रही हैं।

 

यह भारतीय जुर्माना वित्तीय खूफिया इकाई (एफआईयू) ने धनशोधन निवारण कानून (पीएमएलए) के कथित उल्लंघन के चलते लगाया है।

 

एफआईयू ने 17 दिसंबर 2020 को कंपनी को 45 दिनों के भीतर जुर्माना देने और एफआईयू में रिपोर्टिंग इकाई के रूप में पंजीकरण कराने का आदेश दिया था।

 

कानून के मुताबिक रिपोर्टिंग इकाई के लिए विदेशी मुद्रा में वित्तीय लेनदेन के बारे में अधिकारियों को बताना जरूरी है।

 

अदालत ने 12 जनवरी को एफआईयू के इस आदेश पर रोक लगा दी थी, हालांकि इस दौरान कंपनी को एक सुरक्षित सर्वर पर सभी लेनदेन का रिकॉर्ड रखना था और दो सप्ताह के भीतर उच्च न्यायालय में 96 लाख रुपये की बैंक गारंटी जमा करनी थी।

 

इसके बाद पेपाल ने उच्च न्यायालय में बैंक गारंटी जमा कर दी।

 

न्यायमूर्ति पल्ली ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी और तब तक पेपाल के पक्ष में अंतरिम आदेश जारी रहेगा।

 

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट ….