घर में आईसोलेट रहकर ही डॉ यशमिता के पूरे परिवार ने जीत ली कोरोना से जंग…

घर में आईसोलेट रहकर ही डॉ यशमिता के पूरे परिवार ने जीत ली कोरोना से जंग…

पूर्ण आत्मविश्वास से अपना व अपने परिवार का पूरा ध्यान रखा…

इटावा/ उत्तर प्रदेश-: तेजी से फैल रही कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर थमने का नाम नहीं ले रही है। गांव हो या शहर संक्रमण ने अब हर तरफ अपनी पहुंच बना ली है। हालांकि बढ़ते संक्रमण के बीच यह बात राहत वाली जरूर है कि अधिकतर लोग होम आइसोलेशन में रहकर ही इस गम्भीर वायरस को मात देने में सफल हो रहे हैं। कई ऐसे भी परिवार हैं जिनके सभी सदस्य इस वायरस की चपेट में एक साथ आ गएं। तब भी पूरे परिवार ने हिम्मत नहीं हारी व घर पर रहकर ही वायरस को हरा दिया। ऐसा ही एक परिवार है जिला महिला अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ यशमिता सिंह का।
डॉ सिंह बताती हैं कि उन्होंने कुछ लक्षण दिखने पर जब 10 अप्रैल को एंटीजन टेस्ट कराया तो वह पॉजिटिव निकली। उन्होंने बताया कि वह यह जान कर घबरा गयीं लेकिन बुरी तरह से मानसिक रुप से तब टूट गई जब पूरा परिवार भी कोरोना संक्रमित पाया गया। हम सभी होमआइसलेशन में चले गए। लेकिन मां होने के कारण मुझे बच्चों की बहुत फिक्र हुई। डॉक्टर दंपत्ति होने की वजह से मैंने अपने आप को संयमित किया और अपनी मनोदशा को बदला। और आत्मविश्वास के साथ अपना और अपने पूरे परिवार का ध्यान रखना शुरू किया। इस दौरान सभी का ऑक्सीजन लेवल लेना, गुनगुना पानी पीना ,काढ़ा का सेवन करना, भाप लेना, योग करना, यह सब अपनी दैनिक क्रिया में शामिल कर लिया। उन्होंने बताया धीरे-धीरे घर पर हंसी खुशी का माहौल तैयार किया बच्चों को प्रोत्साहित किया। भोजन में पौष्टिक आहार लेना शुरु कर दिया आयुर्वेदिक दवाइयों का भी प्रयोग किया ।और खुद को भी एहसास दिलाया परेशानी तो है लेकिन एक मात्र विकल्प इस परेशानी से निकलने का है खुश रहो और परिवार को भी खुश रहने का अवसर देते रहो ।क्योंकि वायरस से शारीरिक लड़ाई तो थी लेकिन एक मां होने के नाते मानसिक लड़ाई भी थी। अंततः इस लड़ाई में मैंने अपने आत्मविश्वास को जगाया और लड़ाई जीती। क्योंकि मेरे पति भी डॉक्टर है इसलिए हम दोनों ने होमआइसोलेशन में एक दूसरे के प्रति बेहतर सामंजस्य बिठाया और कोरोना से जगं जीती।
दो ह़फ्तों के बाद चारों की रिपोर्ट नेगेटिव आई तो परिवार में एक बार फिर से खुशियां लौट आईं। उनका परिवार अपने बुलंद हौसले से कोरोना को मात देकर आज पूरी तरह से हंसी-खुशी जिदगी बीता रहा है। डॉ यशमिता सिंह ने बताया 27 अप्रैल को मैं अपने काम पर वापस आ गई और मैं किसी भी तरह से मानसिक रूप से भयभीत नहीं हूं ।बस कुछ शारीरिक कमजोरी है जो अच्छा पौष्टिक भोजन लेने पर धीरे धीरे समाप्त हो जाएगी लेकिन मैं अपने कार्य के प्रति पूर्णता समर्पित हूं ।और कोरोना काल मैं स्वास्थ्य कर्मियों पर बढ़ते काम के दबाव को समझती हूं इसलिए मैं पूरी ऊर्जा के साथ दोबारा अपने काम को कर रही हूं, और आशा करती हूं सभी स्वास्थ्य कर्मी सुरक्षित रहें स्वस्थ रहें।
टीकाकरण है प्रभावी
डॉ यश्मिता सिंह ने कहा क्योंकि मैंने टीकाकरण करवाया था इसलिए मुझे कोरोना ज्यादा प्रभावित नहीं कर सका इसलिए मैं सभी जनपदवासियों से कहना चाहती हूं कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सबसे पहले टीकाकरण करवाना अत्यंत आवश्यक है। क्योंकि संक्रमण से बचाव की लड़ाई में यदि आपको कोई कवच की तरह सुरक्षित करता है तो वह वैक्सीन है। उन्होंने कहा घर से जब भी निकले मास्क का प्रयोग अवश्य करें भीड़भाड़ वाले स्थानों पर ना जाएं अपना व अपने परिवार का ध्यान रखें।

पत्रकार नितेश प्रताप सिंह की रिपोर्ट…