‘ऑक्सीजन’ वाली बिटिया, कोरोना मरीजों को दे रही
‘राहत की सांस
शाहजहांपुर। कोरोना संक्रमण से हर तरफ डर का माहौल दिखाई पड़ता है,सभी यहीं जानना चाहते हैं कि कब तक इस महामारी से मुक्ति मिल पाएगी।इस एक वायरस ने कई परिवारों को हमेशा के लिए उजाड़ दिया है,कई बच्चों के सिर से उनके माता-पिता का साया उठ गया है।ऐसी मुश्किल स्थिति में शाहजहांपुर की एक मुस्लिम लड़की ने कोरोना काल में मिसाल कायम की है,यह लड़की घर- घर जाकर लोगों को ऑक्सीजन पहुंचा रही है,जिसे आज हर कोई ऑक्सीजन वाली बिटिया के नाम से पुकार रहा है।फिलहाल ऑक्सीजन वाली इस बिटिया की जिले में हर कोई सराहना कर रहा है,
दरअसल शाहजहांपुर के मदराखेल इलाके की रहने वाली अर्शी स्नातक की छात्रा है।कोरोना की दूसरी लहर में उनके पापा मशहूर की तबीयत बिगड़ गई,डॉक्टर बोले ऑक्सीजन लेवल कम है,ऑक्सीजन की व्यवस्था करो,तब अर्शी ने ना जाने कितनों की कितनों कि मिन्नतें की लेकिन उसे ऑक्सीजन नहीं मिली। बाद में उसने अपने चचेरे भाई और उनके दोस्तों की मदद से सिलेंडर की व्यवस्था कर पिता को बचा लिया। तब अर्शी के अंदर एक जुनून आ गया की जिस तरह वह ऑक्सीजन के लिए परेशान हुई अब दूसरों को परेशान नहीं होने देगी।
अर्शी ने अपने पापा के लिए निजी तौर पर 2 सिलेंडरों की व्यवस्था की थी,अब उन दो सिलेंडरों में वह ऑक्सीजन गैस भरवा कर उन लोगों की मदद कर रही हैं।अब तक अर्शी ने 18 बार सिलेंडर भरवाए हैं,और जरूरतमंदों को अपनी स्कूटी से सिलेंडर पहुंचाएं हैं।अर्शी ने बताया कि गैस रिफिल कराने के लिए जो खर्चा आता है उसे वह खुद खर्च करती है,उसने कई बार उधम सिंह नगर,हरदोई,शाहाबाद से ऑक्सीजन गैस रिफिल कराई है।
स्कूटी पर सिलेंडर लेकर निकल पड़ती
अब जैसे ही अर्शी को पता लगता है कि किसी मरीज को ऑक्सीजन की जरूरत है तो वह गैस रिफिल कराकर मरीज की सांसे लौटाने के लिए अपनी स्कूटी पर सिलेंडर लेकर निकल पड़ती है।अर्शी ने बताया कि इस कठिन दौर में हर दूसरा तीसरा व्यक्ति ऑक्सीजन गैस के लिए परेशान हुआ है अगर किसी ने मदद की है तो उससे प्रेरित होकर दूसरों को भी लोगों की मदद करनी चाहिए।
पत्रकार राहुल चौहान की रिपोर्ट