परिवहन विभाग ने ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए जमकर बहाया पसीना…
भोपाल,12 मई। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की किल्लत से जूझते मध्य प्रदेश के परिवहन विभाग के जरूरी सांसे दी। विभाग के अधिकारियों की टीम ऑक्सीजन टैंकर के रास्ते में पडऩे वाले चेक पोस्ट पर तैनात रही। टीम अपने साथ चाय-नाश्ता और खाने के पैकेट रख रही है ताकि टैंकर चालकों को इसके लिए कहीं भी रुकना न पड़े और सांसों के लिए जरूरी ऑक्सीजन का सफर थमे नहीं। मालूम हो, कोरोना की दूसरी लहर में अचानक अनुमान से अधिक की ऑक्सीजन की आवश्यकता पडऩे लगी। राज्य सरकार ने पुलिस से अन्य प्रदेशों से आने वाले ऑक्सीजन टैंकरों के लिए व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। पुलिस की ओर से बल की कमी और कोरोना कफ्र्यू के दौरान व्यवस्था बनाने की दलील दी। इसके बाद परिवहन विभाग को इसका जिम्मा सौंपा गया। विभाग ने सबसे पहले उद्योगपतियां और अन्य विभागों के पास मौजूदा टैंकरों की उपलब्धता सुनिश्चित की। इसके बाद झारखंड, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, गुजरात, ओडिशा सहित अन्य राज्यों में आने वाले ऑक्सीजन के टैंरों के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया। टैंकर लेकर आ रहे चालकों को कहीं रुकने की जरूरत न पड़े, इसलिए चेक पोस्ट पर विभाग की टीम तैनात की। वह चालकोंको खाने-पीने की सामग्री देते हुए रवाना कर देती है। इससे समय की बचत हुई और टैंकर बिना रुके आगे बढ़ते रहे। हम टैंकर की होती है निगरानी – प्रदेश में औसत 500 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति हो रही है। इसके लिए हर टैंकर की जानकारी रखी जा रही है। हर घंटे या घंटे में टैंकर के पहुंचने का हिसाब रखा जा रहा है। उधर, इस काम में लगे अधिकारियों व कर्मचारियों को कोरोना योद्धा योजना में शामिल करने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। जल्द ही इसे सहमति मिलने की संभावना है। इस बारे में परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का कहना है कि मुख्यमंत्री ने ऑक्सीजन टैंकरों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी विभाग को सौंपी थी। पुख्ता कार्ययोजना से विभाग अपना दायित्व निभा रहा है। विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को कोरोना योद्धा योजना में शामिल करने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…