घबराएं नहीं… संक्रामक नहीं है ब्लैक फंगस,

घबराएं नहीं… संक्रामक नहीं है ब्लैक फंगस,

समय पर पहचान जरूरी

इंदौर। कोरोना मरीजों के लिए परेशानी का सबब बनकर उभरे ब्लेक फंगस म्यूकर मायकोसिस के बारे में डॉक्टरों का कहना है कि यह कोरोना की तरह संक्रामक नही है इसलिए इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। जरूरत है इसे समय पर पहचानने की, ताकि संक्रमण आंखों तक न पहुंचे। अगर वह यहां तक पहुंच गया तो आंख निकालनी भी पड़ सकती है। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. मनीष गुजराती बताते हैं कि ब्लैक फंगस नई बीमारी नहीं है, लेकिन इन दिनों ज्यादा फैल रही है। अच्छी बात है कि यह रोग संक्रामक नहीं है। वह जिस मरीज को हो रहा है, दूसरे को उससे होने की आशंका नहीं होती। जिन मरीजों ने हाल ही में कोरोना को हराया और उनका शुगर लेवल उच्च स्तर पर है, उनमें इस फंगस के संक्रमण की आशंका होती है। सही मय पर पहचान होने पर मरीज ठीक हो जाते हैं। डॉ. गुजरात ने बताया कि यह वायरस वर्षों से वातावरण में मौजूद है। घरों में रोटी, ब्रेड या प्याज पर दिखने वाली फफूंद भी इसी ब्लैक फंगस का एक प्रकार है। आम दिनों में यह सक्रमित नहीं करता, लेकिन इन दिनों जिनकी शुगर बढ़ी हुई है और इम्युनिटी कमजोर है, वे इसमें प्रभावित हो रहे हैं। आर्बिट सर्जन डॉ. भाग्येश पोरे ने बताया कि पिछले साल कोरोना संक्रमण के शुरुआती दौर में भी इसके मामले आए थे, लकिन इस बार हर दिन चार-पांच केस आ रहे हैं।