*कोरोना कहर : श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार में आई कमी*
*नई दिल्ली।* राजधानी दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से कोरोना से हो रहे मौत के मामलों में कमी आई है। अभी कोरोना की वजह से रोजाना दिल्ली में करीब 300 लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। कुछ दिनों पहले तक यह आंकड़ा 400 के पार चला गया था। कोरोना से मौत के मामले कम होने के साथ ही पूर्वी दिल्ली के कई श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार से जुड़े आंकड़ों में भी कमी आई है।
पूर्वी दिल्ली के सबसे बड़े श्मशान घाट यानी गाजीपुर श्मशान घाट में अभी के समय प्रतिदिन 75 से 80 शव का अंतिम संस्कार कोरोना विधि से किया जा रहा है। इसमें कोरोना के कन्फर्म और संदेहास्पद दोनों मामले शामिल हैं। कुछ दिनों पहले तक गाजीपुर श्मशान घाट में 120 से लेकर 125 शव का अंतिम संस्कार किया जा रहा था। गाजीपुर श्मशान घाट के मुख्य पंडित सुशील ने बताया कि कोरोना विधि से अंतिम संस्कार के मामलों में कमी आई है। अभी के समय 75 से 80 शव का अंतिम संस्कार कोरोना विधि से किया जा रहा है। मौत के मामले कम होने के साथ ही गाजीपुर श्मशान घाट में लकड़ी की समस्या भी दूर हो गई है। श्मशान घाट के मुख्य पुजारी सुशील ने बताया कि कुछ दिनों पहले तक हालात इतने बिगड़ गए थे कि पार्किंग एरिया में एक साथ 50 से 60 शव का अंतिम संस्कार किया जा रहा था। लेकिन अभी स्थिति में थोड़ा सुधार है और नंबर के हिसाब से लोगों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है।
सीमापुरी श्मशान घाट के संचालक और शहीद भगत सिंह सेवा दल के संस्थापक जितेंद्र सिंह शंटी ने बताया कि सीमापुरी श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार से जुड़े मामलों में कमी आई है। अभी के समय 85 से 90 शव यहां आ रहे हैं, जिनमें से 90 फ़ीसदी शव कोरोना से संक्रमित होते हैं। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले तक यहां 130 से लेकर 135 शव आ रहे थे, जिनका अंतिम संस्कार कोरोना विधि से हो रहा था। जितेंद्र सिंह शंटी ने बताया कि सीमापुरी श्मशान घाट के पास ज़ीटीबी और राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल है, जहां हजारों मरीज का इलाज किया जा रहा है। इसलिए इस श्मशान घाट पर ज्यादा शव आते हैं। उन्होंने बताया कि इस श्मशान घाट पर दिल्ली से सटे आसपास के जिले से भी शव आते हैं, इसलिए अंतिम संस्कार की संख्या ज्यादा थी, लेकिन अभी के समय स्थिति थोड़ी नियंत्रित होते दिख रही है।