सहकारिता विभाग की मिलीभगत से बेच दिए कई प्लाट…  

सहकारिता विभाग की मिलीभगत से बेच दिए कई प्लाट…  
इंदौर,07 मई । अब एक बार फिर से लंबे संघर्ष के बाद भी भूखंड धारियों को भूखंड नहीं मिल रहा है जबकि उन्हें काफी पहले ही कहा था कि उन्हें भूखंड मिल जाएगा लेकिन लंबे संघर्ष के बावजूद कोरोना महामारी के चलते काम नहीं हो रहा है। इधर अब लॉकडाउन कब तक रहेगा? कुछ नहीं कहा जा सकता है लेकिन आज भी बड़े पैमाने पर लोग परेशान हो रहे हैं। दरअसल देवी अहिल्या श्रमिक कामगार गृह निर्माण समिति की ओर से श्री महालक्ष्मी नगर की समस्याएं निपटाना प्रशासन के लिए भी मुश्किल साबित होता जा रहा था। यहां पर पूर्व पदाधिकारियों ने भूखंड के देने के नाम पर झांसा देकर लगभग छ: हजार लोगों से पैसे लेकर उन्हें रसीद तो दे दी परन्तु उन्हें भूखंड नहीं दिए गए और यह भी कहा गया था कि महालक्ष्मी नगर में 800 प्लाट की रजिस्ट्री कर दी गइ है। अब सभी लोग रसीद लेकर अपना भूखंड ढूढ रहे हैं। इतना सब कुछ होने के बावजूद आज भी लोगों को परेशान होना पड़ रहा है जिसको लेकर पहले भी कहा गया था कि काम करेंगे परंतु काम कब होगा इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। क्षेत्रीय विधायक महेंद्र हार्डिया ने जरूर मेहनत की थी और उस मेहनत के तहत यह भी लगा कि उन्हें भूखंड मिल सकता है और इसमें शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन की ओर से कुछ लोगों को भूखंड दिलवाए भी गए थे परंतु पूरी तरह से यह काम नहीं हो पाया है। महालक्ष्मी नगर में कई सेवानिवृत्त पुराने अफर हैं तो कई राजनीतिक क्षेत्र के लोगों के भी भूखंड यहां पर हैं। इतने बड़े पैमाने पर रसूखदार लोगों को भी सहकारिता विभाग के अफसरों की मिलीभगत से संस्था के कर्ताधर्ता ने रजिस्ट्री कर दी थी जबकि भूखंड नहीं होने के बावजूद इस तरह के कृत्य किए गए जिसके चलते यहां पर महालक्ष्मी नगर संघर्ष समिति को अपना अधिकार पाने में ही कई र्वा लग गए हैं और आज भी पूरी तरह से उनको राहत नहीं मिल पा रही है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…