पैक्सपैड निदेशक की मौत का मामला, पुलिस ने अभी तक नहीं दर्ज की एफआईआर…
अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से गई जान ! 👆 विधायक द्वारा मुख्यमंत्री को लिखा गया पत्र 👆
“हिंद वतन समाचार” पर 28 अप्रैल को चली खबर 👆
भाजपा विधायक ने मुख्यमंत्री से लगाई गुहार: बेटे की मौत को अस्पताल का षड़यंत्र बताया…
लापरवाही से कई और मरीजों की भी हुई मौत ?
लखनऊ। संडीला से भाजपा विधायक राजकुमार अग्रवाल के छोटे बेटे पैक्सपैड के निदेशक आशीष अग्रवाल उर्फ बिल्लू की कोरोना से काकोरी क्षेत्र के एक निजी अस्पताल में हुई मौत के मामले में विधायक ने पुत्र की मौत के लिए अस्पताल के प्रबंधन को जिम्मेदार बताते हुए एफआईआर दर्ज किए जाने के लिए कोकोरी थाने में 4 दिन पहले तहरीर दी थी, परन्तु पुलिस ने न तो मामला दर्ज किया और न ही कोई कार्रवाई की बल्कि विधायक के पत्र को सीएमओ को भेजकर उनकी राय का इंतजार कर रही है।सत्तारूढ़ दल के विधायक के पुत्र की मौत के मामले में लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस का ये हाल है। विधायक ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मुकदमा पंजीकृत करवाए जाने की गुहार लगाई है।
हरदोई के संडीला से भाजपा विधायक राजकुमार अग्रवाल के छोटे बेटे आशीष जो पैक्सपैड के निदेशक एवं भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ के अवध क्षेत्र के संयोजक थे, को कोरोना संक्रमण होने के चलते काकोरी थाना क्षेत्र के बसंत कुंज स्थित प्राइवेट अस्पताल अथर्व में 24 अप्रैल को भर्ती कराया गया था, जहां 26 अप्रैल को उनका निधन हो गया। विधायक राजकुमार अग्रवाल ने अपने बेटे की मौत को लेकर अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाया है। विधायक द्वारा 28 अप्रैल को काकोरी पुलिस को दी गई तहरीर में कहा गया है कि अथर्व हाॅस्पिटल में 26 अप्रैल को सुबह 7-30 बजे बताया गया कि आॅक्सीजन समाप्त हो गई है। इसके बाद किसी षड़यंत्र के तहत अस्पताल से तीमारदारों को बाहर निकाल कर गेट पर ताला डाल दिया गया।
विधायक ने कहा कि उस समय मेरा बड़ा पुत्र संजय वहां मौजूद था, उसने डाक्टर नदीम नकवी से मिलकर अपने पास मौजूद आॅक्सीजन सिलेंडर देने के लिए कहा परन्तु डाक्टर नदीम नकवी ने सिलेंडर लेने से इंकार कर दिया और उनके पुत्र आशीष की तड़प-तड़प कर मौत हो गई। संजय ने बताया कि अस्पताल में लापरवाही के चलते कई और लोगों की भी मौत हुई है। विधायक द्वारा अस्पताल की उस दिन की सीसीटीवी फुटेज व हार्डडिस्क कब्जे में लेकर कार्यवाही किए जाने की मांग की गई थी।
काकोरी पुलिस ने विधायक की तहरीर पर एफआईआर न दर्ज कर पत्र को सीएमओ को उनकी राय जानने के लिए भेज दिया। विधायक राजकुमार अग्रवाल ने नोडल अधिकारी व पुलिस कमिश्नर को भी मामले की जानकारी दी थी, जिस पर उन्हे कार्यवाही का आश्वासन मिला था। परन्तु अभी तक एफआईआर न दर्ज होने पर उन्होने अब मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर एफआईआर दर्ज करवाए जाने की गुहार लगाई है। इस पत्र की कापी चिकित्सा/स्वास्थ्य मंत्री व जिलाधिकारी को भी भेजी गई है। (1 मई 2021)
विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,