रोसनेफ्ट ने मॉस्को में खोला दुनिया का पहला जियोनेविगेशन स्कूल…
मॉस्को, 01 मई । रूसी तेल कंपनी रोसनेफ्ट ने दुनिया के पहले जियोनेविगेशन स्कूल की शुरुआत की है। इसे ड्रिलिंग सपोर्ट के क्षेत्र में विशेषज्ञों को प्रशिक्षण देने के मकसद से डिजाइन किया गया है। स्कूल का निर्माण कॉपर्ोेट जियोलॉजिकल ड्रिलिंग सपोर्ट सेंटर के आधार पर किया गया है। इसके पाठ्यक्रम में 10 से अधिक अनोखे पाठ्यक्रम शामिल हैं। रोसनेफ्ट के ड्रिलिंग सपोर्ट सेंटर के निदेशक यारोस्लाव स्माइशलियाव ने कहा है, रोसनेफ्ट का सेंटर ड्रिलिंग सपोर्ट सर्विस के क्षेत्र में दुनिया के अग्रणी प्रदाताओं में से एक हैं। दुनिया में हॉरिजॉन्टल वेल्स में इसका नियंत्रण कहीं अधिक है। अपने बयान में वह आगे कहते हैं, हमारे सेंटर में कई सारी सेवाएं हैं। इसमें न केवल ड्रिलिंग का जियोलॉजिकल सपोर्ट शामिल हैं, बल्कि ड्रिलिंग के दौरान की जाने वाली लॉगिंग, सीस्मोजियोलॉजिकल विश्लेषण, समर्थन की भू-तकनीकी मॉडलिंग की व्याख्या भी शामिल है। वैज्ञानिक और तकनीकी क्षमता का एकीकृत विकास रोसनेफ्ट, 2022 रणनीति के प्रमुख तत्वों में से एक है। जियोनेविगेशन रियल टाइम में किसी रिजर्वायर के सबसे उत्पादक हिस्से की अधिक गहराई तक जाने की दिशा में रास्ते को समायोजित करने की एक प्रक्रिया है। विशेष जियोनावेक्शन सॉफ्टवेयर का उपयोग करके ड्रिलिंग के दौरान लॉगिंग डेटा के विश्लेषण के आधार पर इसमें सुधार किया जा सकता है। कुएं को खोदने के लिए जियोलॉजिकल सपोर्ट के विभाग में मशीन लनिर्ंग की विशेषज्ञ एलिना गाल्किना कहती हैं, साल 2020 में सपोर्ट ड्रिलिंग को बेहतर समर्थन देने की दिशा में हमने काम करना शुरू किया था। इसके नतीजे के तौर पर हमें सॉफ्टवेयर मॉड्यूल मिला, जिसे ड्रिलिंग सपोर्ट हॉरिजॉन्टल प्लस के लिए कॉपोर्रेट सॉफ्टवेयर में शामिल किया जा सकता है। अब इस तेल कंपनी के कर्मचारियों द्वारा डेटा विश्लेषण के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के विभिन्न तरीकों का उपयोग किया जाता है। गाल्किना आगे कहती हैं, कंप्यूटिंग पावर, एल्गोरिदम को बेहतर बनाने और डेटा वॉल्यूम के क्षेत्र में प्रसार होने के बीच इस तरह के तरीकों की लोकप्रियता बढ़ी है। हम कंपनी द्वारा पहले ड्रिल किए गए 14,000 से अधिक कुओं को लेकर जानकारियां इकट्ठा करते हैं। इसके अलावा, रोसनेफ्ट एक साल में 3,000 नए हॉरिजॉन्टल कुओं की भी खुदाई की है। इसलिए इन तरीकों का उपयोग हमारे लिए काफी मददगार साबित हुआ है। स्माइशलियाव कहते हैं, हमारा यह सेंटर कंपनी की बौद्धिक संपदा को भी विकसित करता है। हम नए—नए समाधानों को सामने आते हैं। हमारा नया सॉल्यूशन यह है कि हम एक रोबोट असिस्टेंट मॉड्यूल का विकास कर रहे हैं, जिसके द्वारा जियोनेविगेटर को मौजूदा अनुभव के बारे में सीधे तौर पर सूचित किया जाएगा। इसकी गलतियों से भी रूबरू कराया जाएगा।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट ….