कोरोना काल में यूपी पुलिस ने फिर पेश की मानवता की मिसाल…
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आज का बेहद डरावना और दु:खदाई मंजर 👆 “हिंद वतन समाचार” पर चली बिजनौर की खबर 👆
पत्नी के शव को साइकिल पर लेकर अकेले घूम रहे बुजुर्ग का सहारा बनी पुलिस…
अंतिम संस्कार के लिए सामान व शव को घाट पर पहुंचाया: कोई नहीं आया था कंधा देने…
लखनऊ/जौनपुर। कोरोना काल में भय के चलते लोगों की संवेदना मरती जा रही है, अपने भी पराए हो रहे हैं, कोरोना से मौत होने पर शवों को कंधा देने के लिए पड़ोसी-रिश्तेदार भी आगे नहीं आ रहे। ऐसे समय में यूपी पुलिस द्वारा लोगों की मदद किए जाने के सराहनीय मामले भी सामने आ रहें हैं। ऐसे ही एक मामले में जौनपुर की मड़ियाहूं पुलिस ने भी इंसानियत की मिसाल पेश की है।
कोरोना से मृत पत्नी के अंतिम संस्कार में सहयोग के लिए गांव से चार कंधे नहीं मिले तो बुजुर्ग पति साइकिल पर ही शव रखकर नदी किनारे चल पड़ा। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने न सिर्फ कंधा दिया, बल्कि अंतिम संस्कार के लिए सामान और शव घाट तक पहुंचाने के लिए वाहन भी उपलब्ध कराया। मामला मड़ियाहूं कोतवाली क्षेत्र के अम्बरपुर गांव का है। अम्बरपुर निवासी तिलकधारी सिंह की पत्नी राजकुमारी (56 वर्षीय) ने जिला अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था।
अंतिम संस्कार के लिए शव घाट तक ले जाने में पड़ोसियों का सहयोग मांगा, लेकिन कोरोना से मौत होने की बात जानकर कोई भी आगे नहीं आया। हालात के आगे बेबस तिलकधारी को और कोई उपाय नहीं दिखा तो पत्नी के शव को अपनी साइकिल पर रखकर अकेले ही अंतिम संस्कार करने की ठान ली, जिसकी सूचना मिलने पर मड़ियाहूं पुलिस ने न सिर्फ कंधा दिया, बल्कि अंतिम संस्कार के लिए सामान और शव घाट तक पहुंचाने के लिए वाहन भी उपलब्ध कराया और अपनी देखरेख में शव का अंतिम संस्कार किया।
बताते चलें कि गत रविवार को बिजनौर पुलिस ने भी ऐसी मिसाल पेश की थी। यहां एक बुजुर्ग महिला की कोरोना से मौत होने के पड़ोसी वह रिश्तेदार कोई कंधा देने आगे नहीं आया था, तब पुलिस ने बेटे की गुहार पर महिला के शव को न केवल शमशान घाट तक पहुंचाया बल्कि लकड़ी चिता पर पुलिसकर्मियों ने अंतिम संस्कार भी कराया था। (28 अप्रैल 2021)
विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,