पत्रकारों की पेंशन और मेडिक्लेम की राशि में हुई बढ़ोत्तरी…
मुख्यमंत्री ने विस में की घोषणा: 60 वर्ष से अधिक आयु के पत्रकारों को हर महीने मिलेंगे 15 हजार रुपए…
एलजेए की मांग- उ.प्र. के पत्रकारों के लिए भी शुरू हो पेंशन योजना…
लखनऊ/जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज विधानसभा में बजट भाषण पर हुई बहस का जवाब देते हुए पत्रकारों के लिए दो घोषणाएं की। इन घोषणाओं के तहत 60 और इससे अधिक आयु के वरिष्ठ पत्रकारों की मासिक सम्मान निधि (पेंशन) 10,000/- से बढ़ा कर 15,000/- रुपए कर दी गई है। इसी प्रकार मेडिक्लेम पॉलिसी की सीमा भी 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दी है।
बताते चलें कि अशोक गहलोत ने अपने दूसरे कार्यकाल में वरिष्ठ पत्रकारों को 5000/- रुपए मासिक पेंशन शुरू की थी। सत्ता बदलते ही तत्कालीन मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने पत्रकारों की पेंशन योजना को बंद कर दिया था। श्री गहलोत ने अपने तीसरे कार्यकाल में ना केवल फिर से पेंशन शुरू की, बल्कि उसकी राशि बढ़ाकर 10,000/- मासिक कर दिया था। मुख्यमंत्री ने आज इस राशि को एक बार फिर बढ़ाकर 15,000/- रुपए मासिक कर दिया है। यह बढ़ी हुई पेंशन 1 अप्रैल2021 से शुरू होगी। राजस्थान सरकार के इस निर्णय से अधिक संख्या में पात्र वरिष्ठ पत्रकारों को पेंशन योजना का लाभ मिल सकेगा।
प्रस्ताव के अनुसार अब उन पत्रकारों को भी सम्मान पेंशन योजना का लाभ मिल सकेगा, जिन पत्रकारों को किसी समाचार पत्र अथवा संस्था आदि से वेतन, पेंशन या नियमित सहायता राशि या राज्य सरकार से कोई अन्य नियमित सहायता प्राप्त हो रही है। ऐसे पत्रकारों को पहले से प्राप्त हो रहे वेतन, पेंशन या अन्य सहायता राशि को सम्मान पेंशन की राशि में से घटाकर शेष राशि का भुगतान किया जा सकेगा। इसी प्रकार अब वे अधिस्वीकृत पत्रकार भी सम्मान पेंशन के लिए पात्र होंगे, जो सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, राजस्थान से अलग-अलग अवधि में कुल मिलाकर कम से कम 10 वर्ष तक अधिस्वीकृत रहे हों।
लखनऊ जर्नलिस्टस एसोसिएशन (एलजेए) के अध्यक्ष आलोक कुमार त्रिपाठी, उपाध्यक्ष अभिषेक रंजन, रवि उपाध्याय, मो. इनाम खान, विजय आनंद वर्मा एवं कोषाध्यक्ष संजय कुमार पांडेय आदि ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का इसके लिए आभार व्यक्त करते हुए अन्य प्रदेशों विशेषकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की है कि वो भी उत्तर प्रदेश के पत्रकारों के लिए पेंशन योजना की शुरुआत करें। (5 मार्च 2021)
“हिंद वतन समाचार” की रिपोर्ट, , ,