सरकारी अस्पतालों में 11 माह के बाद चालू हुई ओपीडी एवं सर्जरी…
श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्पताल में महिलाओं और पुरुषों की लगी एक ही लाइन…
लखनऊ । कोविड-19 के 11 माह बीत जाने के बाद अब जाकर सभी सरकारी अस्पतालों के ओपीडी एवं ऑपरेशन के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 के नियमों को देखते हुए दिशा निर्देश जारी कर दिए गए थे। जिसके बाद सभी सरकारी अस्पतालों को कोविड-19 के दिशा निर्देशों के साथ खोला गया। जिसके चलते अस्पतालों में मरीजों की संख्या देखी गई।जिसके चलते लखनऊ के हज़रतगंज स्थित श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्पताल में देखने को मिला।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी(सिविल अस्पताल की ओपीडी में महिलाओं और पुरुषों को लगवाया एक ही लाइन में
जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महिलाओं को लेकर नए नए कानून व नई नई योजनाओं को लेकर सख्त से सख्त कानून बनाने की लिए और महिलाओं को सशक्त बनाने के महिला सशक्तिकरण जैसी योजनाओं को लागू कर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की बात करते हैं। वही हमारे लखनऊ के हजरतगंज के निकट श्यामा प्रसाद मुखर्जी(सिविल) अस्पताल एक अजीबोगरीब वाकया देखने को मिला जहां अस्पताल प्रशासन की बड़ी लापरवाही देखने को मिली, जहां डॉक्टर स्वयं ओपीडी में बिना मास्क के पाए जाते है । और अस्पताल का स्टाफ महिलाओं से अभद्रता करते हुए महिलाओं और पुरुषों को एक ही लाइन में खड़ा करवाता है वो भी डॉक्टरों के सामने ही जिसका कई महिलाओं ने खुलकर विरोध किया मगर अस्पताल का स्टाफ और डॉक्टरों ने मिलकर महिलाओं से अभद्रता करते हुए उनके ऊपर दबाव बनाकर खड़े रहने के लिए कहा वरना लाइन से बाहर तक निकालने को भी बोल दिया ।जिसका महिलाओं ने खुलकर विरोध किया, बात को बढ़ते देख डॉक्टर व अस्पताल का स्टाफ शांत हुआ। मगर बात ये है कि आखिर महिलाओं और पुरुषों की एक ही लाइन में आखिर कैसे और क्यो लगवाया गया क्या महिलाओं और पुरुषों को एक ही लाइन के लिए कोई दिशा निर्देश जारी किए गए थे या किसी महिला के साथ कोई ओछी हरकत होने का इंतजार किया जा रहा है। अब ये तो अस्पताल प्रशासन ही जाने।
क्या कहना है श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल के डायरेक्टर डॉ सुभाष चन्द्र सुन्द्रियाल
श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल के डायरेक्टर सुभाष चन्द्र सुन्द्रियाल ने बताया कि उनको इस बात जानकारी नहीं है। मगर पिछले 3 दिन पहले ही सभी अस्पताल के स्टॉप को बता दिया गया था कि महिलाओं और पुरुषों की लाइन अलग-अलग लगेगी, और महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी चाहे वह अस्पताल की महिला स्टाफ हो या महिला मरीज उनके लिए हर प्रकार की सुविधाएं दी जाएंगी। डायरेक्टर ने यह भी बताया कि महिलाओं के लिए हॉस्पिटलों में शौचालयो की संख्या बढ़ाई जा रही है ताकि महिलाओं को किसी भी तरह की कोई भी असुविधा का सामना ना करना पड़े।
संवाददाता सुहेल मारूफ की रिपोर्ट…