8 साल बाद धरा गया 7 करोड़ की ठगी करने वाला जालसाज…

8 साल बाद धरा गया 7 करोड़ की ठगी करने वाला जालसाज…

नई दिल्ली। लोगों को रकम पर मोटा मुनाफा देने के नाम पर उनसे सात करोड़ की ठगी कर ली गई। इस मामले में आठ साल से फरार चल रहे आरोपी कपिल देव को देहरादून से गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी को अदालत ने भगोड़ा घोषित कर रखा था। संयुक्त आयुक्त ओपी मिश्रा के अनुसार, 30 सितम्बर 2012 को आर्थिक अपराध शाखा ने रेखा पॉल, सुबोध मंडल और अरिंदम डे की संयुक्त शिकायत पर एफआईआर दर्ज की थी। शिकायत में आरोप लगाया गया कि जनकपुरी स्थित बीपी ज्वेलर्स नामक दुकान को कपिल देव पसरीचा चलाता था। उसका दफ्तर मीरा बाग में था। उसने पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और असम के लोगों को रुपये पर मोटा मुनाफा देने के नाम पर उनसे रुपये ठगे। इस कंपनी के निदेशकों ने बड़ी संख्या में लोगों से ठगी कर रुपये जुटाए और दफ्तर बंद कर फरार हो गए। जांच के दौरान इनके आरओसी रिकॉर्ड निकाले गए। विभिन्न बैंक में मौजूद खातों की जानकारी जुटाई गई। इससे पता चला कि कपिल देव के हस्ताक्षर बैंक में चलते थे। उसने लोगों से रकम एकत्रित कर उसका इस्तेमाल अपनी लग्जरी जिंदगी के लिए किया। यह कंपनी आरबीआई के साथ एनबीएफसी के तौर पर पंजीकृत नहीं थी। उन्हें इस तरह से रुपये एकत्रित करने का कोई अधिकार नहीं था। उसने लोगों को झांसा देकर उनसे लगभग 7 करोड़ रुपये एकत्रित किये थे। इसके बाद बिना लोगों को रुपये लौटाए वह फरार हो गया। आरोपी कपिल देव मामला दर्ज होने के बाद से ही फरार चल रहा था। अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था। पुलिस टीम लगातार उसकी तलाश में दबिश दे रही थी। हाल ही में उन्हें सूचना मिली कि वह देहरादून में मौजूद है। वहां पर कपिल शर्मा के नाम से वह रहता है। इस जानकारी पर एसीपी वीरेंद्र सिंह सजवान की देखरेख में इंस्पेक्टर अश्वनी एवं एसआई गुलशन यादव की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने सबसे पहले जेम सेल्स प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी बनाई। इसके जरिये वह स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करने लगा। उसने लोगों को बताया कि उसकी कंपनी शेयर मार्केट में मोटा मुनाफा कमाती है। लोगों से उसने अपनी उस कंपनी में रुपये जमा करवाये। इसके बाद उसने मनी भंडार नाम से कंपनी बनाई। इसमें भी लोगों ने काफी रुपये जमा करवाये और यहां भी उनके साथ ठगी हुई। उसके खिलाफ 2011 में भी मामला दर्ज हुआ था। उसने 12वीं कक्षा तक पढ़ने के बाद कैंटरबरी विश्वविद्यालय से स्नातक किया। 2007 में वह अकाउंटेंट का काम करने लगा। इसके बाद उसने लोगों से ठगी की।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…