ईडी ने मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत दर्ज किया मुकदमा मुजफ्फरपुर कांड

मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड मामले में ईडी ने मनी लांड्रिग एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है। ईडीसूत्रों के मुताबिक, आरोपी ब्रजेश ठाकुर और उसका स्टाफ सेल्टर होम के नाम पर राज्य सरकार से अवैध तरीके से पैसे लेने में शामिल है। इससे पहले बिहार पुलिस ने ब्रजेश ठाकुर की 2.65 करोड़ की संपत्ति जब्त करने का फैसला किया है।

पिछले हफ्ते ही बिहार सरकार ने आरोपी ब्रजेश ठाकुर को मुजफ्फरपुर से भागलपुर जेल शिफ्ट किया है। जबकि उनके अन्य साथी आरोपियों को पटना के बेउर जेल भेज दिया गया। सीबीआई ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर सुरक्षा के दृष्टिकोण से ब्रजेश समेत सभी 14 आरोपितों को मुजफ्फरपुर केंद्रीय कारा से अन्य कारा में भेजने का अनुरोध किया था। सीबीआई के अनुरोध पर जेल आईजी मिथिलेश मिश्रा ने दो दिन पूर्व ही इस संबंध में निर्देश जारी कर दिया था।

क्या है मामला?
बता दें कि मुंबई स्थित टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ सोशल साइंस की एक रिपोर्ट में मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड मामले का खुलासा हुआ था। इंस्टिट्यूट ने सूबे की सरकार को सामाजिक अंकेक्षण रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट में बच्चियों के साथ मुजफरपुर बालिका आश्रय गृह में लड़कियों के साथ यौन शोषण की घटना सामने आई थी। बच्चियों की चिकित्सकीय जांच के बाद 34 लड़कियों के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई।

इसके बाद बिहार पुलिस ने इस केस के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को गिरफ्तार किया। सरकार ने पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी। इस मामले में अब तक दस लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस मामले में राज्य के सामाजिक कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को इस्तीफा भी देना पड़ा है। आरोप है कि मंत्री रही वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा का ब्रजेश के दोस्त हैं।